नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ (केसीजी) जिला में माओवादी उन्मूलन अभियान के एगो आउर बड़ सफलता मिलल बा। बकरकट्टा थाना क्षेत्र के गांव कुम्ही में अतवार के सबेरे सीपीआई (माओवादी) के 12 कैडर कुल 10 हथियार के संगे आत्मसमर्पण कइल लोग।
एमे सबसे बड़ नाम 45 लाख के इनामी, केंद्रीय समिति सदस्य (सीसीएम) आ एमएमसी (मध्यप्रदेश-महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़) जोन प्रभारी रामधेर मज्जी के बा। रामधेर के हाले में एमएमसी जोन के जिम्मेदारी सउपल गइल रहे।
ई उहे क्षेत्र हs जहां कुछ दिन पहलही माओवादी प्रवक्ता अनंत महाराष्ट्र में अपना 10 साथियन के संगे समर्पण कइले रहे आ संगठन के बाकी माओवादियन के समर्पण खातिर 1 जनवरी तक के समय मंगले रहे। लगातार हो रहल एह टूट से माओवादी संगठन के शीर्ष संरचना डगमगा गइल बा।
समर्पण करे वाला सब 12 कैडर 10 हथियार लेके आइल
रामधेर मज्जी के संगे आठ-आठ लाख के चार इनामी डीवीसीएम (डिविजनल कमेटी सदस्य) चंदू उसेंडी, ललिता, जानकी आ प्रेम, पांच-पांच लाख के इनामी दुगो एरिया कमेटी सदस्य रामसिंह दादा आ सुकेश पोट्टम, दु-दु लाख के इनामी लक्ष्मी, शीला, सागर, कविता आ योगिता संगठन छोड़ दिहल लोग।
एकनी ओर से ले आवल गइल कुल 10 हथियारन में एके-47, इंसास, एसएलआर, 303 आ 30 कैलिबर कार्बाइन सामिल बा।
विशेषज्ञ के अनुसार एमएमसी जोन में प्रवक्ता अनंत आ प्रभारी रामधेर दुनो के समर्पण संगठन खातिर सबसे बड नेतृत्व संकट बा, जवना के असर आवे वाला महीनन में स्पष्ट लउकी। रामधेर बस्तर संभाग के बीजापुर जिला के राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में इस्थित गांव के रहे वाला रहे।
ऊ बस्तर से हिड़मा के अलावा दुसरका आदिवासी माओवादी रहे, जवना के माओवादी संगठन पिछिला बरिस केंद्रीय समिति सदस्य बनवले रहे। हिड़मा मारल जा चुका बा अब रामधेर के समर्पण बस्तर में माओवादी संगठन के पूरा तरे ध्वस्त कs देले बा। अब हिड़मा के साथी आ बटालियन के कमांडर बारसे देवा अंतिम बड़हन चेहरा रह गइल बा।
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