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दुनिया के 11वां सबसे अमीर बिजनेसमैन मुकेश अंबानी MMRDA के सबसे बड़ डिफॉल्टर, 4381 करोड़ के कर्जदार

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एशिया के सबसे अमीर आदमी मुकेश अंबानी के बेटा अनंत अंबानी आ राधिका मर्चेंट के बियाह एगो भव्य समारोह में भइल। एह शादी समारोह में भारतीय सिनेमा आ हॉलीवुड के हस्ती आ देश के लगभग सगरी टॉप क्रिकेटर शामिल भइले। ओने आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली अंबानी परिवार के लेके बड़ खुलासा कइले बाड़े। उऽ जानकारी देले बाड़े कि मुकेश अंबानी एमएमआरडीए के सबसे बड़ डिफॉल्टर बाड़े आ उऽ 4381 करोड़ रुपया के बकाया नइखन चुकवले। अनिल गलगली बतवले कि मेसर्स रिलायंस, नमन होटल, अंबानी फाउंडेशन, आईएनएस, रघुलीला बिल्डर्स के नाम से 5 डिफॉल्टर बाड़े, जवना के कुल बकाया 5,818 करोड़ रुपया बा।

 मुकेश अंबानी पऽ 4381 करोड़ रुपिया के बकाया बा

दुनिया के 11वां आ भारत के पहिला सबसे अमीर उद्योगपति मुकेश अंबानी के कंपनी मेसर्स रिलायंस सबसे बड़ डिफॉल्टर बा। जियो कन्वेंशन सेंटर (प्लाट नंबर सी 64) के पट्टा जमीन के बकाया जवना में हजारों करोड़ के लागत से बियाह होखेला।

दूसरा डिफॉल्टर के नाम मेसर्स रघुलिला बिल्डर्स बा। मूल रूप से इ जमीनो मेसर्स रिलायंस के रहे। एह मामिला में एमएमआरडीए के हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट से बहुते हार के सामना करे के पड़ल। बाकिर एमएमआरडीए के बाकी 449.27 करोड़ रुपया के अतिरिक्त बिल्टअप एरिया मिले के संभावना बा। वन बीकेसी (प्लाट नंबर सी 66) पs बकाया 1123.50 करोड़ रुपया बा।

आईएनएस (प्लाट नंबर सी 63) के बकाया 181.35 करोड़ रुपया बा। अंबानी फाउंडेशन (प्लाट नंबर एसएफ 7 आ 9बी) पs 8.15 करोड़ रुपिया के बकाया बा। नमन होटल लिमिटेड (प्लाट नंबर सी 58 एंड सी 59) पs 48.92 करोड़ रूपिया के बकाया बा।

एमएमआरडीए हमेशा से डिफॉल्टर पऽ मेहरबान रहल बा

जदी एमएमआरडीए से लीज पs जमीन लेवे के 4 साल के भीतर जवना उद्देश्य खाती जमीन लिहल गइल रहे, ओकरा मुताबिक निर्माण पूरा ना भइल तऽ जुर्माना लगावल जाला। सीबीआई, आयकर विभाग आउर बाकी पट्टाधारी इमानदारी से जुर्माना के भुगतान कइले बाड़े। अनिल गलगली के मोताबिक एमएमआरडीए हमेशा से डिफॉल्टर पs मेहरबान रहल बा, ना तऽ कब्जा प्रमाणपत्र रद्द करे के अधिकार होखला के बावजूद कवनो डिफॉल्टर के खिलाफ कड़ा कार्रवाई नइखे भइल। उल्टा एमएमआरडीए के आयुक्त नमन होटल के आंशिक ओसी देवे के विशेष संज्ञान लेले। एमएमआरडीए समय-समय पs दावा करत रहल बा कि मामला सब विचारधीन हऽ। अनिल गलगली कहले कि हमनी के मुख्यमंत्री के चिट्ठी लिख के मांग कइले बानी जा कि जब तक उऽ लोग पइसा नइखन देत तब तक उनका लोग के ओसी रद्द कऽ दिहल जाव।

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