1986-87 में एगो दूरदर्शन शो रिलीज भइल, जवना में किताबन के दुनिया खुलल जवन सभका के अपना बचपन से जोड़त रहे। बाकिर एमें लउके वाला बाल अभिनेता के हिन्दी से दिक्कत रहे। फेर अइसन समाधान मिलल कि पल भर में सब कुछ सुलझ गइल।
दूरदर्शन के कुछ शो भइल बा जवना के आजो कवनो मोकाबला नइखे। रामायण, महाभारत, शक्तिमान जइसन शो के बहुत चर्चा बा। एकरा अलाला दूरदर्शन पs अइसन बहुत शो भइल बा जवना के देखे खातिर दर्शक पूरा हफ्ता इंतजार करत रहले। आ, ओकरा बाद उऽ पूरा परिवार के साथे बइठ के शो देखत रहले।अइसने एगो शो रहे मालगुड़ी डेज। शो मालगुड़ी डेज, जवना में स्वामी एगो बच्चा बाड़े, उनुका अलग-अलग अनुभव पs आधारित रहे। जवना के माध्यम से एगो साधारण मध्यम वर्गीय परिवार के कहानी बहुत सुन्दर तरीका से बतावल गइल बा। बाकिर एगो खास बात ई रहे कि जवना बाल अभिनेता के मुख्य किरदार में कास्ट कइल गइल रहे ओकरा हिन्दी ना मालूम रहे।
मालगुड़ी नाम के एह शो में स्वामी नांव के किरदार बहुते सुर्खी बनवले रहे। पहिले एह शो में हर कहानी के केंद्र में स्वामी रहत रहले। एह महत्वपूर्ण किरदार के किरदार मास्टर मंजुनाथ कइले रहले। अभिनय में उऽ बहुते मजबूत कलाकार रहले। बाकिर समस्या इ रहे कि उनका हिन्दी बिल्कुल ना आवत रहे। अइसना में संवाद के समझल आ बोलल आसान ना रहे। एकर उपाय इ रहे कि उऽ हिंदी के संवाद रटत रहले। आ, उऽ भावना के समझ के ओही तरह से बोलत रहले। असल में एह शो के तइयारी कन्नड़ भाषी टीम से शुरू भइल रहे जवना का चलते भाषा के समस्या बनल रहल।
इ धारावाहिक आरके नारायणन के कहानी पs आधारित रहे। जवना में से 13 एपिसोड अंग्रेजी में आ 54 एपिसोड हिंदी में बनल। एह शो में मास्टर मंजुनाथ का अलावे गिरीश कर्नार्ड जइसन दिग्गज कलाकारन के शामिल कइल गइल। इनका अलावा वैशाली कासरवल्ली, सुहासिनी, आदर्शर, कान्ति मेडिया जइसन कलाकारो देखे के मिलल। एकर पहिला सीजन साल 1986 में प्रसारित भइल। एकरा बाद दूसरा सीजन के प्रसारण 1987 में भइल। तीसरा सीजन के प्रसारण 1988 में भइल आ फेर चउथा सीजन के प्रसारण 2006 में भइल। कुल मिलाके 1980 के दशक के लइकन के एकरा से गहिराह संबंध बा।
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