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दूध के दाँत गिरला से पहिले कंप्यूटर सीखले, बचपन में बिजनेसमैन बने के सपना देखले, स्कूल जाए के उमिर में CEO बनले

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हो सकेला कि रउवा एह दुनु कुशल लइकन के नाम पहिले ना सुनले होखब । बाकी, बिजनेस वर्ल्ड में इनका बारे में बहुत चर्चा होखता। उ देश के सबसे कम उम्र के ऐप डेवलपर बने के खिताब जीत चुकल बाड़े।

सफलता के कहानी : 14-15 साल के उमिर आ 6वीं आ 8वीं कक्षा में पढ़े वाला दू गो भाई ओह काम के हासिल कइले बाड़न जवन हासिल करे खातिर लोग सालन बितावेला । एह दुनु भाई के जोड़ी अइसन कारनामा कइले बा कि देश भर के लाखों युवा उद्यमी लोग खातिर ई लोग प्रेरणा बन गइल बा । आम तौर प 6वीं आ 8वीं में पढ़े वाला बच्चा, 10वीं आ 12वीं में बढ़िया नंबर के संगे पास कइला के बाद डॉक्टर, इंजीनियर चाहे कवनो अउरी पेशा के रूप में कैरियर बनावे के बारे में सोचेले। बाकी, जईसे इ दुनो बच्चा बचपन से व्यापारी बने के सपना देखत रहले, उ लोग 6वीं आ 8वीं कक्षा में पढ़त-पढ़त भारत के सबसे छोट सीईओ बन गइले।

इनकर प्रतिभा के बारे में एतना पढ़ला के बाद अब रउरा दिमाग में इ सवाल उठत होई कि इ लईका के हवे आ कम उम्र में इ महान पद कइसे हासिल कइले। आईं एह दुनो प्रतिभाशाली भाई के सफलता के कहानी बताईं ।

10-12 साल के उमिर में प्रतिभा देखवलसि एह दुनु प्रतिभाशाली लइकन के नाम श्रवण आ संजय कुमारन ह, शायद रउरा ई नाम पहिले ना सुनले होखब । बाकी, बिजनेस वर्ल्ड में इनका बारे में बहुत चर्चा होखता। उ देश के सबसे कम उम्र के ऐप डेवलपर बने के खिताब जीत चुकल बाड़े। एह उपलब्धि खातिर उनका के अंडर 30 के सूची में शामिल कइल गइल बा।

10 आ 12 साल के उमर में श्रवण आ संजय 2011 में चेन्नई में अपना घर से आपन कंपनी गोडायमेंशन शुरू कइले रहले। संजय सीईओ के रूप में काम कइले, जबकि श्रवण कंपनी के चेयरमैन बनले। अजीब लागत बा कि एतना कम उमिर में एगो बच्चा सीईओ बन गइल आ दोसरका कंपनी के चेयरमैन । छोट शुरुआत के बाद श्रावण आ संजय कुछ साल में 7 गो मोबाइल ऐप बनवले जवन 50 से अधिका देश में मशहूर हो गइल। बहुत यूजर ए ऐप के इस्तेमाल कइले।

बाबूजी से कंप्यूटर सीखले : असल में दुनु भाई के बचपन से ही कंप्यूटर प्रोग्रामिंग में बहुत रुचि रहे। उनकर पिता कुमारन सुरेंद्रन उनकर प्रतिभा आ समर्पण के पहचान के एह क्षेत्र में काम करे खातिर प्रेरित कइलें। एकरा बाद दुनो भाई बचपन से कंप्यूटर प काम करे लगले। ई लइका महज 4 साल के उमिर से पीपीटी बनावे लगले।

150 से अधिका ऐप बनवले : कुमारन ब्रदर्स के ओर से विकसित पहिला ऐप रहे कैच मी कॉप जवन भारत के बचपन के मशहूर गेम ‘चोर-पुलिस’ से प्रेरित गेमिंग ऐप रहे। एह लोग के डिजाइन कइल अउरी ऐप में बाल शिक्षा ऐप – वर्णमाला बोर्ड आ रंग पैलेट, आपातकालीन सेवा ऐप, प्रार्थना ऐप आ गेमिंग ऐप – सुपरहीरो आ कार रेसिंग शामिल बा। उ 150 टेस्ट ऐप भी बनवले बाड़े।

बाद में दुनु प्रतिभाशाली भाई अमेरिका के टेक्सास ए एंड एम यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस के डिग्री हासिल कइले। इनकर लिंक्डइन प्रोफाइल के मुताबिक, श्रवण फिलहाल सैन फ्रांसिस्को में सेल्सफोर्स खातीर सॉफ्टवेयर डेवलपर के रूप में काम करतारे, जबकि संजय माइक्रोसॉफ्ट में सॉफ्टवेयर इंजीनियर इंटर्न बाड़े।

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