कुण्डलिनि जागरण का हs ?
आज इंसान परमाणु विज्ञान के खोज में लागल बा। परमाणु के रउआ देखियो नईखी सकत, बाकिर जदि रउआ एह पs प्रहार करीं, एकरा के तुर दिहीं तs एगो क जबरदस्त घटना घटेला। जब लेे परमाणु के तुरल ना गइल रहे, तब लेे केहू का पाता ना रहे कि से एतना छोट कण मेंं जबरदस्त उरजा भरल बा। एहि तरे इंसान एगो जैविक परमाणु हs, जिनगी के एगो इकाई हs। इंसान के भीतरी अइसने जबरदस्त उरजा मवजुद बा। कुण्डलिनि जागरण केे माने ई हs कि रउआ एह अनघा उरजा के इस्तेमाल करे के तकनीक के पा लेले बाानी।
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