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Kargil Vijay Divas : ऐतिहासिक बा कारगिल में बिहार के बलिदान , खबर भोजपुरी के ओर से ऊ 18 जवानन के श्रद्धांजलि..पढ़ी कारगिल विजय दिवस विशेष खबर

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1999 में 26 जुलाई के दिन पाकिस्तानी सेना भारतीय सेना के सोझा आत्मसमर्पण कs देलस। तब से ई दिन के कारगिल विजय दिवस के नाम से मनावल शुरू भइल। एह युद्ध (1999 के कारगिल युद्ध) के बादे भारत सरकार अउरी सेना,  युद्ध स्तर के सब तैयारी शुरू कइलस अउरी वर्तमान के स्थिति अइसन बा कि भले पाकिस्तान सेना आपन पूरा ताकत के इस्तेमाल ओहिजा से घुसपैठ करे खातिर करी ,बाकी असफल हो जाई।

देश भर में कारगिल विजय दिवस (कारगिल विजय दिवस 2022) के मनावे के तैयारी हो रहल बा। 25 साल पहिले 26 जुलाई के दिन भारत के वीर जवान सीमा पs आपन जान देके पाकिस्तानी सेना पs जीत हासिल कइले आ कारगिल टाइगर हील्स पs तिरंगा फहरा देले। एह मौका पर देश भर में वीर बेटा के याद कइल जाला। एह युद्ध में बिहार के 18 वीर जवान भी परम बलिदान देके अहम भूमिका निभवले। उनका शहादत खातिर देश-बिहार के जनता उनका के नमन करता। पटना के कारगिल चौक आजो ओह जवानन के बहादुरी के याद दिलावत रहेला।

कारगिल युद्ध के 23 साल बीत गइल, आज विजय दिवस के मौका पs पूरा भारत अपना शहीद के याद करत बा। एह युद्ध में बिहार के 18 गो बेटा भी गँवा दिहलस। मेजर चंद्र भूषण द्विवेदी (शिवोहर), नायक गणेश प्रसाद यादव (पटना, तरेगना), हरिकृष्ण राम (सिवान), हविलदार रतन कुमार सिंह (भागलपुर), प्रभाकर कुमार सिंह (भागलपुर), नायक विशुनी राय ( सारण), नायक नीरज कुमार ( लखीसराय), नायक सुनील कुमार (मुजफ्फरपुर), लांस नाईक विद्यानंद सिंह (आरा), लांस नायक राम वचन राय (वैशाली), अरविंद कुमार पाण्डेय (पूर्वी चंपारण), शिव शंकर गुप्ता (औरंगाबाद), हरदेव के नाम प्रसाद सिंह ( नालंदा), एम्बू सिंह (सिवान) आ रमन कुमार झा (सहरसा) के इतिहास में स्वर्ण अक्षर में लिखल गइल बा।

सुनसान इलाका के फायदा उठा के घुसपैठ भइल : विशेषज्ञ के कहनाम बा कि 8 मई 1999 के कारगिल के सुनसान इलाका आ मौसम के फायदा उठा के पाक सेना भारतीय इलाका में घुस गइल रहे। पाकिस्तानी जवान के पहिला बेर कारगिल इलाका में भारतीय चरवाहा देखले रहले। चरवाहा लोग भारतीय सेना के ई बात बतवले। सेना के जवान इलाका के निरीक्षण कइले तs पता चलल कि पाकिस्तानी भारत के सीमा में घुस गइल बा। स्थिति के अहसास कइला के बाद भारतीय सेना गोलीबारी कs जवाबी कार्रवाई कइलस। हैरानी के बात ई रहे कि पाकिस्तान कवनो जवाबी कार्रवाई ना कइलस। असल में पाकिस्तान के ई कदम कुछ अउरी रहे। पाकिस्तान सेना के तत्कालीन जनरल परवेज मुशर्रफ खुदे रेकी कर चुकल रहे काहे कि ओह घरी भारतीय सेना रोज गश्त खातिर ओहिजा ना जात रहे। साथ ही ई इलाका नेशनल हाईवे-1-डी के बहुत नजदीक बा आ ई रूट लद्दाख से कारगिल के श्रीनगर आ बाकी देश से जोड़त बा। ई मार्ग सेना खातिर एगो महत्वपूर्ण आपूर्ति मार्ग हs। दुश्मन के एह इलाका पर कब्जा होखे के मतलब रहे कि सेना खातिर आपूर्ति पर बुरा असर पड़ीत।

भारतीय सेना पाकिस्तान के योजना के एही तरे पराजित कs देले रहे : हम बता दीं कि पाकिस्तान सेना के मकसद टाइगर हिल पs कब्जा कइल रहे। एकरा साथे ही भारतीय सेना एक डेग अउरी आगे बढ़ के तय कइले रहे कि टाइगर हिल के कवनो कीमत पs कब्जा करे के पड़ी। चुकी ई सबसे कठिन काम रहे एहसे पाकिस्तानी सेना तक ई ना सोचले रहे कि भारत अइसन कदम उठाई। भारतीय सेना सबसे बढ़िया प्रदर्शन कइलस आ लगभग 18,000 फीट के ऊंचाई पर स्थित टाइगर हिल के जीत लिहलस। टाइगर हिल में मिलल जीत एगो बड़हन मोड़ रहल आ एकरा बाद ऊँचाई से आगे बढ़त पाकिस्तान के योजना बरबाद हो गइल। भारतीय सेना खातिर पूरा ऑपरेशन बहुत आसान हो गइल आ पहिले प्वाइंट 4965, फिर सैंडो टॉप, ज़ुलु स्पर, ट्राइजंक्शन सब भारतीय रेंज में आ गइल । ओकरा बाद जवन भइल ओकरा के अबहियों पूरा दुनिया सलामी देत बा।

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