Khabar Bhojpuri
भोजपुरी के एक मात्र न्यूज़ पोर्टल।

कब हवे जीवित्पुत्रिका चाहे जिउतिया व्रत? जानीं शुभ मुहूर्त, पूजा विधि अउर पारन के समय

1,231

हिंदू धर्म में जीवित्पुत्रिका व्रत के विशेष महत्व हवे। एके जितिया चाहे जिउतिया व्रत के नाम से भी जानल जाला। एह व्रत के विवाहित महिला लोग अपने संतान के लमहर आयु के कामना अउरी खुशहाली खातिर करेली। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल आश्विन मास के कृष्ण पक्ष के अष्टमी तिथि के जीवित्पुत्रिका व्रत रखल जाला। ई त्योहार तीन दिन ले चलsला। पहिले दिन नहाए खाय, दूसरे दिन निर्जला व्रत अउर तीसरे दिन व्रत पारण कइल जाला।

जिउतिया व्रत 2022 कहिया हवें

जीवित्पुत्रिका व्रत आश्विन मास के कृष्ण पक्ष के अष्टमी तिथि से ले के नवमी तिथि ले मनावल जाला। एह साल ई व्रत 18 सितंबर के रात से शुरू होई अउर 19 सितंबर ले चली। व्रत पारण 19 सितंबर के कइल जाई।

जीवित्पुत्रिका व्रत शुभ मुहूर्त 2022-

हिंदू पंचांग के अनुसार, 17 सितंबर के दुपहर 2 बजकर 14 मिनट पर अष्टमी तिथि शुरू होई अउर 18 सितंबर के दुपहर 04 बजकर 32 मिनट पs समाप्त होई। उदया तिथि के अनुसार, जीवित्पुत्रिका व्रत 18 सितंबर के रखल जाई। 19 सितंबर के बिहाने 06 बजकर 10 मिनट के बाद व्रत पारण कइल जाई।

जीवित्पुत्रिका व्रत के पूजा करे के विधि-

  • सुबह स्नान कइला के बाद व्रती प्रदोष काल में गाय के गोबर से पूजा स्थल के लीप के साफ कर लेईं।
  • एकरे बाद उहां एगो छोट तालाब बना लेईं।
  • तालाब के पास एगो पाकड़ के डाल ला के खड़ा कs देईं।
  • अब शालिवाहन राजा के पुत्र धर्मात्मा जीमूतवाहन के कुशनिर्मित मूर्ति जल के पात्र में स्थापित करीं।
  • अब उनके दीप, धूप, अक्षत, रोली अउर लाल अउर पीली रूई से सजाईं।
  • अब उनके भोग लगाईं।
  • अब मिट्टी चाहे गोबर से मादा चील अउरी मादा सियार के प्रतिमा बनाईं।
  • दूनों के लाल सिंदूर अर्पित करीं।
  • अब पुत्र के प्रगति अउर कुशलता के कामना करीं।
  • एकरे बाद व्रत कथा सुनीं चाहें पढ़ीं।
324450cookie-checkकब हवे जीवित्पुत्रिका चाहे जिउतिया व्रत? जानीं शुभ मुहूर्त, पूजा विधि अउर पारन के समय

ईमेल से खबर पावे खातिर सब्सक्राइब करीं।

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

Comments are closed.