इसरो एक साथ 36 सैटेलाइट के लॉन्च कईलस, जवना में ब्रिटेन, अमेरिका, जापान समेत 6 देश के कंपनी शामिल
इसरो एक साथ ब्रिटेन के 36 उपग्रह प्रक्षेपित कइले बा। अंतरिक्ष में भेजल जा रहल सगरी उपग्रहन के कुल वजन 5805 किलोग्राम बा। एह मिशन के नाम वनवेब इंडिया-2 राखल गइल बा| ई प्रक्षेपण सतीश धवन स्पेस सेंटर श्रीहरिकोटा के स्पेसपोर्ट से भइल |
इसरो एक साथ 36 सैटेलाइट के लॉन्च कईलस, जवना में ब्रिटेन, अमेरिका, जापान समेत 6 देश के कंपनी शामिल
इसरो एक साथे ब्रिटेन के 36 उपग्रह प्रक्षेपित कइले बा। अंतरिक्ष में भेजल जा रहल सगरी उपग्रहन के कुल वजन 5805 किलोग्राम बा। एह मिशन के नाम वनवेब इंडिया-2 राखल गइल बा| ई प्रक्षेपण सतीश धवन स्पेस सेंटर श्रीहरिकोटा के स्पेसपोर्ट से भइल| एहमें इसरो के 43.5 मीटर लंबा एलवीएम3 रॉकेट के इस्तेमाल कइल गइल बा| ई लॉन्च पैड चंद्रयान-2 मिशन समेत अबले पाँच गो सफल प्रक्षेपण कर चुकल बा आ आजु एकर छठवाँ उड़ान ह |
स्पेस बेस्ड ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवा में मदद मिली
बताईं कि वनवेब खातिर इसरो के वाणिज्यिक इकाई न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड एनएसआईएल के ई दुसरका मिशन ह| वनवेब ब्रिटेन के एगो संचार कंपनी हवे जेकर मालिकाना हक ब्रिटिश सरकार, भारत के भारती इंटरप्राइजेज, फ्रांस के यूटेलसैट, जापान के सॉफ्टबैंक, अमेरिका के ह्यूजेस नेटवर्क आ दक्खिन कोरिया के रक्षा कंपनी हनव्हा के हवे। ई एगो संचार कंपनी हवे जे उपग्रह आधारित सेवा देले। आजु के सफल लॉन्च से दुनिया के हर कोना में अंतरिक्ष आधारित ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवा देबे के योजना में मदद मिली|
वनवेब के पहिला बैच 2022 में लॉन्च भइल रहे
एलवीएम3-एम3 इसरो के भारी लिफ्ट रॉकेट ह। अब वनवेब के कक्षा में 582 उपग्रह बा। एह लोग के कुल संख्या 26 मार्च के 618 होखे के उमेद बा| कंपनी कहले रहे कि समूह के पूरा क के वनवेब भारत समेत वैश्विक कवरेज देवे के दिशा में एगो महत्वपूर्ण कदम उठा रहल बा। ई लॉन्च वनवेब खातिर 18वां लॉन्च बा। 36 गो उपग्रह सभ के पहिला बैच के 23 अक्टूबर 2022 के आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा रॉकेट बंदरगाह से एलवीएम3 रॉकेट के साथ लॉन्च कइल गइल, जेकरा के पहिले जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल Mk3 (GSLV Mk3) के नाँव से जानल जाला।
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