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भारतीय रेलवे : ट्रेन कइसे आसानी से एगो पटरी से दूसर पटरी पे शिफ्ट हो जाला ? का रउरा एकरा पीछे के तकनीक जानत बानी

आखिर ई कइसे होला? काहे दोसरा पटरी पे शिफ्ट होखत घरी कवनो दुर्घटना ना होखे| अइसन बहुत सवाल बा, जवन अक्सर आपके दिमाग में आवेला।

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भारतीय रेलवे : ट्रेन कइसे आसानी से एगो पटरी से दूसर पटरी पे शिफ्ट हो जाला ? का रउरा एकरा पीछे के तकनीक जानत बानी

 

ट्रेन के ड्राइवर पटरी कईसे बदलेला : रउआ ट्रेन में कई बेर यात्रा कईले होखब। रउरा देखले होखब कि तेज रफ्तार से चलला के बावजूद ट्रेन आसानी से एक पटरी से दोसरा पटरी पे शिफ्ट हो जाले | आखिर ई कइसे होला? काहे दोसरा पटरी पे शिफ्ट होखत घरी कवनो दुर्घटना ना होखे| अइसन बहुत सवाल बा, जवन अक्सर आपके दिमाग में आवेला। आज हमनी के ओह सब सवालन के विस्तार से जवाब देवे जा रहल बानी जा।

 

लोको पायलट आसानी से पटरी बदल देले

रेलवे के अधिकारी के मुताबिक, जहां ट्रेन पटरी बदलेले (How Train Driver Changes Tracks), दुनो छोर के तकनीकी रूप से स्विच कहल जाला। ओहमें से एगो बायां स्विच आ दोसरका दाहिना स्विच| ट्रेन के पटरी में मौजूद ए दुनो स्विच के चलते ट्रेन आसानी से आपन पटरी बदल सकता। मजेदार बात ई बा कि पटरी बदले में दिन आ रात के कवनो बाधा नइखे | ट्रेन चलावे वाला लोको पायलट आसानी से इ काम क सकता।

 

ट्रैक पे दुगो तकनीकी स्विच लगावल गईल बा

जवना जगह पे ट्रेन चलत घरी दोसरा पटरी पे शिफ्ट हो जाले ओकरा के आम भाषा में संधा भी कहल जाला। बायां स्विच अउरी दाहिना स्विच बा। एकरा में से एगो स्विच पटरी से चिपकल बा, जबकि दूसरा स्विच खुलल बा। ओह खुला स्विच के माध्यम से ही ट्रेन के दोसरा ट्रैक पे ले जाइल जाला (How Train Driver Changes Tracks) आ ट्रेन के रास्ता बदल जाला। एह स्विच के चलते ट्रेन आसानी से बाईं आ दाईं दिशा में चलेले।

अगिला स्टेशन मास्टर के जानकारी मिल जाला

एह प्रक्रिया के रउरा के अउरी आसान भाषा में समझाईंब | असल में जब कवनो ट्रेन कवनो स्टेशन से निकलेले त ओह स्टेशन के मालिक अगिला स्टेशन मास्टर के ट्रेन के आवे के जानकारी दे देले। एकरा बाद अगिला स्टेशन के मास्टर प्लेटफार्म अउरी लाइन क्लियर के स्थिति के जायजा लेला के बाद लाइन क्लियर के संदेश भेज देवेले। इ संदेश संधे से 180 मीटर दूर स्थित होम सिग्नल के माध्यम से दिहल जाला। जबले लोको पायलट के ई संदेश ना मिले तबले ऊ आपन ट्रेन सिग्नल के लगे रोक के राखेला|

 

शाम के संधे सेट के बाद ट्रेन पास हो जाला

जब अगिला स्टेशन पे लाइन खाली हो जाला त स्टेशन मास्टर अपने आप ओह लाइन पे संधे सेट क देला जवना से उक्त ट्रेन के गुजरे के पड़ेला। एह संधा के सेट कइला के बाद ट्रेन में ग्रीन सिग्नल भेजल जाला। एकरा बाद ट्रेन पटरी बदल के (How Train Driver Changes Tracks) आसानी से अपना गंतव्य के ओर बढ़ सकेले।

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