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असली तुलसी माला के पहचान के तरीका आ जप के नियम

तुलसी माला के महत्व बहुत बा काहे कि वैष्णव समुदाय के लोग भगवान विष्णु के ध्यान खाली तुलसी माला से करेले। तुलसी माला भी पहिरल जाला ताकि शरीर शुद्ध हो सके। हिन्दू समाज में तुलसी के बहुत पवित्र पौधा के श्रेणी में जगह दिहल गईल बा।

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असली तुलसी माला के पहचान के तरीका आ जप के नियम

तुलसी माला के महत्व

तुलसी माला के महत्व बहुत बा काहे कि वैष्णव समुदाय के लोग भगवान विष्णु के ध्यान खाली तुलसी माला से करेले। तुलसी माला भी पहिरल जाला ताकि शरीर शुद्ध हो सके। हिन्दू समाज में तुलसी के बहुत पवित्र पौधा के श्रेणी में जगह दिहल गईल बा।

 

हिन्दू पौराणिक कथा में तुलसी माला के सबसे शुद्ध मानल जाला। बतावल जाव कि तुलसी में आध्यात्मिक गुण के साथे औषधीय गुण भी बा। तुलसी के इस्तेमाल से रात के अंधता, किडनी से जुड़ल समस्या, माइग्रेन अउरी साइनस जईसन बेमारी से छुटकारा मिलेला।

अगर भगवान विष्णु के पूजा में तुलसी के शामिल ना होखे त उ पूजा अधूरा मानल जाला। एकरा संगे हर प्रसाद में तुलसी होखल बहुत जरूरी बा। तुलसी के भी बहुत अद्भुत फायदा होला, ई जानला के बाद जवना के कवनो आदमी बिना एह माला के इस्तेमाल कइले ना रह सकेला।

 

तुलसी माला के फायदा

 आईं हमनी के भोजपुरी मे तुलसी माला के फायदा 

1. तुलसी माला पहिरे के पहिला फायदा इ बा कि एकरा से आदमी के मन शांत अउरी स्थिर हो जाला।

2. इ आदमी के शरीर के बाहरी अउरी भीतरी से शुद्ध करेला।

3. ब्लड प्रेशर के नियंत्रण में राखे के संगे इ पाचन तंत्र के मजबूत करेला।

4. ई माला पीलिया के हालत में भी पहिरल जाला काहे कि एकरा से बेमारी जल्दी खतम हो जाला।

5. गर्दन में तुलसी के माला पहिरला से आदमी के शरीर में बिजली के बहाव बढ़ जाला। एह तरह से ई सब तुलसी की माला के फायदा बा।

 

तुलसी माला पहिरे के का नियम बा? 

1. तुलसी माला पहिरे खातिर पहिले गंगाजल से धोईं, फेर सुखला के बाद पहिनीं।

2. एकर दूसर नियम बा कि ई माला पहिरे वाला लोग खातिर रोज माला जप के अनिवार्य बा।

4. माला पहिरला के बाद ओकरा के कबो देह से अलग ना करीं।

 

तुलसी माला के जप के का नियम बा? 

 तुलसी माला जापा के नियम बताईं-

1. माला में कम से कम 27 या 108 मोती होखे के चाहीं।

 

2. तुलसी माला में हर मनका के बाद गाँठ होखे के चाहीं।

 

3. कबो दोसरा के माला के इस्तेमाल मत करीं।

 

4. माला के जप खातिर कुछ कपड़ा से ढंक लीं।

तुलसी माला मंत्र

”ॐ विष्णवै नमः”

असली तुलसी माला के पहचान कईसे कईल जाला? 

असली तुलसी माला (तुलसी माला के पहचन) के पहचान करे खातिर एकरा के लगभग 30 मिनट तक पानी में राखी। अगर ऊ माला आपन रंग ना छोड़े त ऊ माला असली ह|

 

तुलसी माला पहिरे पे कवन रोक बा?  

तुलसी माला पहिरे वाला लोग सद्गुणी बनल रहे के चाहीं। तमासी खाद्य पदार्थ जइसे कि प्याज, लहसुन, मांस, शराब आदि के सेवन पर रोक बा। एकरा के देह से अलगा भी ना होखे के चाही।

 

तुलसी माला कब पहिरे के चाहि?  

तुलसी के माला तबे पहिरे के फैसला करीं जब रउरा अपना के सद्गुणी आ अनुशासित होखे के संकल्प लेले होखीं. एकरा बिना तुलसी के माला पहिन के आप अपना भगवान के नाराज क सकतानी।

 

कवना दिन तुलसी के माला पहिरे के चाहीं?  

तुलसी माला दू तरह के होला – रामा तुलसी आ श्यामा तुलसी। सोमवार, बुध आ गुरुवार के दुनो तुलसी माला पहिरे खातीर शुभ दिन मानल जाला।

 

तुलसी माला पहिन के का होला?  

तुलसी माला हमनी के कई गो दुष्ट शक्ति आ रोग से बचावेला। शरीर के शुद्धि के संगे इ आत्मा के शुद्ध करे के काम भी करेला।

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