स्वास्थ्य टिप्स: इ 2 योगासन माइग्रेन के दवाई ह, एक पल में दर्द के एहसास कम क दि
स्वास्थ्य टिप्स : आज के समय में हर दूसरा अउरी तीसरा आदमी तनाव, चिंता अउरी अवसाद से पीड़ित बा। आईं बताईं कि दुनिया भर में सात में से एक आदमी माइग्रेन से प्रभावित बा, इ सबसे आम दिमाग के विकार ह।
स्वास्थ्य टिप्स: इ 2 योगासन माइग्रेन के दवाई ह, एक पल में दर्द के एहसास कम क दि
स्वास्थ्य टिप्स : आज के समय में हर दूसरा अउरी तीसरा आदमी तनाव, चिंता अउरी अवसाद से पीड़ित बा। आईं बताईं कि दुनिया भर में सात में से एक आदमी माइग्रेन से प्रभावित बा, इ सबसे आम दिमाग के विकार ह।
स्वास्थ्य टिप्स : आज के समय में हर दूसरा अउरी तीसरा आदमी तनाव, चिंता अउरी अवसाद से पीड़ित बा। एह सब के चलते माइग्रेन के समस्या होखल आम बात हो गईल बा। माइग्रेन के समस्या आम बा लेकिन माइग्रेन के दर्द बहुत दर्दनाक होखेला। हालांकि माइग्रेन के सिरदर्द के सबसे आम कारण में से एगो मानल जाला, जवना पे पूरा तरीका से शोध नईखे भईल। आईं बताईं कि दुनिया भर में सात में से एक आदमी माइग्रेन से प्रभावित बा, इ सबसे आम दिमाग के विकार ह। आज हमनी के बताइब जा कि भारतीय योग के माध्यम से माइग्रेन के समस्या से कइसे छुटकारा मिल सकेला।
माइग्रेन के कारण
दिमाग में खून के संगे ऑक्सीजन के बहाव जारी रहेला। अयीसन स्थिति में जादा तनाव लेवे के चलते माइग्रेन के दर्द के दौरान सिर के नीचे के धमनी बढ़ जाले अउरी कबो-कबो एकरा चलते दर्द वाला इलाका में भी सूजन होखेला। माइग्रेन के कुछ आम कारण पारिवारिक इतिहास, भावनात्मक ट्रिगर, तनाव, चिंता, अवसाद भा शराब के सेवन हो सके ला।
हलासन (हलासना)
अगर रउआ भी माइग्रेन के दर्द से परेशान बानी त हलासाना एह समस्या से राहत देवे में कारगर साबित हो सकेला।हलासना खातिर पहिले पीठ पे लेट जाईं, ओकरा बाद अपना हथेली के शरीर के बगल में जमीन पे राखी।अब अपना… पेट के मांसपेशी के इस्तेमाल करीं, गोड़ के 90 डिग्री तक उठाईं, ओकरा बाद हथेली के फर्श में मजबूती से दबाईं अउरी गोड़ के माथा के जतना हो सके ओतना पीछे जाए दीं। कोशिश करीं कि अपना शरीर के बीच अउरी निचला हिस्सा के उठा के पैर के उंगली से फर्श के छूईं अवुरी कोशिश करीं कि छाती के ठोड़ी के जादे से जादे नजदीक ले आवल जाए।
सेतु बंधासना (पुल मुद्रा)
इ साधारण माइग्रेन के दर्द में भी बहुत राहत देवेला। एकरा खातिर फर्श पे लेट के गोड़ के फर्श पे राखत घुटना मोड़ लीं। एकरा बाद एड़ी के नितंब के नजदीक ले आईं अवुरी पूंछ के हड्डी के ऊपर के ओर उठावत ही सांस छोड़ दीं। एकरा दौरान जांघ अउरीभीतरी गोड़ के समानांतर राखे के चाही। एह आसन के दौरान अँगुरी के एक दोसरा से जोड़ के हाथ के श्रोणि के नीचे राखीं, जांघ के उठाईं आ घुटना के सीधा एड़ी से ऊपर फर्श तक राखीं। एह मुद्रा में रउआ 30 सेकंड से 1 मिनट तक रह सकेनी।
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