संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से हिन्दी विभाग दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के संगे संयुक्त तत्वावधान में रूपान्तर नाट्य मंच के ओर से दू दिन के भिखारी ठाकुर स्मृति लोक संस्कृति महोत्सव के दुसरे दिन लोक गायन अउर लोक वादन के संगे कार्यक्रम के शुरुआत भइल। सुप्रतिष्ठित लोक कलाकार धर्म किशोर दुबे अउर रमेश कुमार चौधरी लोकगीत के कार्यक्रम प्रस्तुत कइलें अउरी सूने वालन के वाहवाही बटोरलें। इनरासनी लोकनृत्य के प्रदर्शन ग्रामीण इलाका से आइल कोदई अउरी उनकर समूह कइल।
लखनऊ से आइल जीशान अब्बास सारंगी वादन कइलें। जीशान सोनीपत पानीपत घराना के कलाकार हवें अउरी ऊ उस्ताद वजीर हुसैन खान से सारंगी वादन के शिक्षा लेहले बानें। लोक वादन के अगिला कार्यक्रम में मुख्तार अउर लालमन नगाड़ा वादन प्रस्तुत कइलें। दूनों प्रकार के कार्यक्रम के दर्शक पूरा आनंद लिहलें अउरी एह तरे के कार्यक्रम के प्रशंसा कइलें।
नाट्य प्रस्तुतियन के क्रम में आजु भिखारी ठाकुर के जीवन अउर काम पर केंद्रित कsके लिखल गइल नाटक ‘कहत भिखारी’ के मंचन कइल गइल। अपर्णेश मिश्र अउरी आदित्य राजन के लिखल अउरी वरिष्ठ रंगकर्मी सुनील जायसवाल के निर्देशन में ई नाटक बहुचर्चित नाटक के रूप में लोकप्रिय रहल बा।
एहमें बूढ़ भिखारी ठाकुर के रूप में अपर्णेश मिश्र अउरी युवा भिखारी के रूप में आदित्य राजन प्रभावशाली अभिनय कइलें। अलग अलग पात्रन के भूमिका में पवन कुमार, शिवांगी पाठक, सुरभि अग्रवाल, हरिकेश पांडे, निशिकांत पांडे, मनीष कुमार, प्रदीप, श्रेयांश, सनोज अउरी श्रेयांशी नाटक के प्रभावशाली बना दिहलें।। शगुन आर्यन आदर्श अउर उनकर टीम नाटक के गीत-संगीत से परिपूर्णता देहलें। प्रकाश अउरी ध्वनि व्यवस्था राजनाथ वर्मा कइलें। नाटक के प्रस्तुति में डॉक्टर आनंद कुमार पांडे, रवि प्रताप सिंह, जितेंद्र पांडे,सतीश श्रीवास्तव अउरी हिना जायसवाल महत्वपूर्ण भूमिका निभवले। नाटक कथ्य अउर कलात्मक अभिव्यक्ति में पूर्ण रूप से सफल रहल।
उपस्थित दर्शक नाटक के प्रशंसा करत कहलें कि एह तरह के नाटक संस्कृति के जनजीवन ले पहुंचवले अउरी उनके मानस के अंग बनवलें में महत्वपूर्ण भूमिका निभावला। मंच संचालन वरिष्ठ रंगकर्मी अउर रंग अध्येता डॉ शैलेश श्रीवास्तव कइलें।