गोरखपुर। डीएवीपीजी कॉलेज, गोरखपुर में सनिचर के राष्ट्रीय सेवा योजना, दयानंद इकाई के तत्वावधान में प्राचार्य प्रो. शैल पांडे आ कार्यक्रम अधिकारी प्रतिभा गुप्ता के नेतृत्व में वंदे मातरम के 150वीं वर्षगांठ के सुभारंभ सप्ताह 7 नवंबर से 14 नवंबर के अंतर्गत संगोष्ठी आ परिचर्चा सत्र के आयोजन कइल गइल। वंदे मातरम गीत के गायन के संगे कार्यक्रम के सुरुआत कइल गइल।
एह अवसर पs हिंदी विभाग के सहायक आचार्य डॉ. शत्रुध्न सिंह द्वारा वंदे मातरम् के राष्ट्रीय गीत के रूप में इतिहास आ वर्तमान समय में एकर प्रासंगिकता पs वक्तव्य प्रस्तुत कइल गइल। परिचर्चा सत्र में डॉ. संजय कुमार पांडेय के ओर से छात्र-छात्रा लोगन के प्रश्न-उत्तर के माध्यम से ज्ञानवर्धन कइल गइल।
प्राचार्य प्रो. शैल पांडे सभे के बतवली कि “वंदे मातरम्” गीत के प्रासंगिकता देशभक्ति, सांस्कृतिक गौरव आ देस के प्रति समर्पण के भावना के बना के रखे में बा। ई गीत आजो ना खाली स्वतंत्रता संग्राम के इयाद दिलावेला, बलुक भारत के एकता, सामाजिक उत्तरदायित्व आ अपना जड़न से जुड़ाव के प्रतीक बनल बा। ई आधुनिक पीढ़ी के मातृभूमि के सेवा करे खातिर प्रेरित करेला आ ओह लोगन के आपन सांस्कृतिक पहचान से जोड़ेला।
एह कार्यक्रम में डॉ. रक्षा गुप्ता आ डॉ. कुलदीप कुमार द्विवेदी सहित सब स्वयंसेवक आ स्वयंसेविका लोग उपस्थित रहल।
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