पटना: गोरखपुर से सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे राज्य के 11 जिलन से होके गुजरी।फिलहाल एह एक्सप्रेस-वे के नौ जिलन से होके गुजरे के केंद्र से सैद्धांतिक मंजूरी मिल चुकल बा। एमे पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, दरभंगा, मधुबनी, सुपौल, फारबिसगंज आ किशनगंज जिला शामिल रहे। अब दु गो आउर जिला मधेपुरा आ सहरसा से होके एह एक्सप्रेस-वे के ले जाए खातिर राज्य सरकार केंद्र से मांग कइले बा। एकरा के लेके हाले में पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन केंद्रीय सड़क परिवहन आ राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के समक्ष प्रस्ताव रखले बा। एह पs केंद्रीय मंत्री विचार करे के आश्वासन देले बा। फिलहाल एकर डीपीआर बन रहल बा आ एही साल निर्माण शुरू कs के 2025 ले पूरा करे ले समय-सीमा बा।
तीन राज्यन के जोड़ी एक्सप्रेस-वे
सूत्रन के मोताबिक गोरखपुर से सिलीगुड़ी एक्सप्रेस उत्तर प्रदेश से बिहार होके सिलीगुड़ी ले पहुंची। अइसे में तीन राज्यन के जोड़े आला एह एक्सप्रेस-वे के लंबाई करीब 600 किमी बा। एकर अधिकतर हिस्सा करीब 416 किमी के लंबाई में बिहार से होके गुजरी। जदि मधेपुरा आ सहरसा जिलन से होके केंद्र सरकार से मंजूरी मिलल, एकरा अलाइनमेंट में तनि बदलाव हो सकत बा। ई ना खाली बिहार के उत्तर प्रदेश आ बंगाल के बीचे आवागमन आसान करी, बलुक बेयपार नाया रस्ता खुली। एह एक्सप्रेस-वे के पूरा हिस्सा ग्रीनफील्ड होई। ई जानकारी मिलल बा कि कवनो पुरान सड़क के एक्सप्रेस-वे में शामिल ना कइल जाई।
पूरा हिस्सा ग्रीनफील्ड होई
एह एक्सप्रेस-वे के पूरा हिस्सा ग्रीनफील्ड होई। कवनो पुरान सड़क के एक्सप्रेस-वे में शामिल ना करे के योजना बा। एह एक्सप्रेस-वे के उत्तर प्रदेश में गोरखपुर-आजमगढ़ लिंक एक्सप्रेस-वे सहित आउर सड़कन से जुड़ाव रही। एह तरे सिलीगुड़ी से उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरन के संगही दिल्ली आइल-जाइल आसान होई।

दूरी घट के 600 किमी से कम हो जाई
फिलहाल गोरखपुर से सिलीगुड़ी के बीचे कवननो सीधा सड़क नइखे। एह कारण गोरखपुर से सिलीगुड़ी के दूरी तय करे में बहुत समय लाग जाला। प्रस्तावित गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे से दूनों शहरन के बीच के दूरी घटके करीब 600 किमी से कम हो जाई। एसे आवागमन आसान होई। संगही बेयपार के नाया रस्तो खुली।
साभार: प्रभात खबर