Khabar Bhojpuri
भोजपुरी के एक मात्र न्यूज़ पोर्टल।

गोरखपुर: मां-पापा अउर रिश्तेदार बचवन के बना रहल बानें तोतला, डॉक्टर बतवलें वजह

1,726
बचवन के शुरुआती दौर में हकलाइल अउर तोतला आवाज में बोलल स्वाभाविक ह, लेकिन पांच साल बाद भी लइका के इहे स्थिति रहsता त ई चिंता के बात ह।
विशेषज्ञ के मुताबिक पांच साल तक बचवन में स्पष्ट उच्चारण के क्षमता विकसित हो जाला। फिर अगर बच्चा तुतला चाहे हकला रहल बा त एकर जिम्मेदार मां-पापा अउर उसके रिश्तेदार होलें। काहेसेकि ई लोग ओके सुधरले के बजाए खुद ही दोहरावल शुरू कर देलें, जौन बच्चवन के आदत में शुमार हो जाला।
बीआरडी मेडिकल कॉलेज के नाक, कान, गला रोग विशेषज्ञ डॉ आदित्य पाठक बतवलें कि दू से पांच वर्ष तक के बचवन के होंठ चलावे के क्षमता विकसित नाइ हो पावsला। एकर वजह ई बा कि मस्तिष्क बोले के जिम्मेदार मांसपेशियन के नियंत्रित नाइ क पावsला।

बचवन के छठें अउर सातवें साल में उ स्पष्ट उच्चारण करे लागेने। लेकिन कई बेर ऐसन होला कि बचवा डर, थकान, उदास होखले के वजह से हकलाए लागेने। माता-पिता बचवन के सही उच्चारण खातिर प्रेरित भी नाइ करेने।

थेरेपिस्ट के सुझाव

बच्चे बात करें त उनके बीच में न रोकी। मेहमान के सामने बच्चे पर बात करे के दबाव न बनाई। बच्चे के आराम से बोले खातिर प्रेरित करीं। उनसे तोतली आवाज में बात न करी।

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

Comments are closed.