Gorakhpur News: माफिया विनोद के भतीजन के पुलिस उठइलस, ससुराल में दिहलस दबिश
अब पुलिस माफिया के संपत्ति के ब्यौरा जमा कर रहल बिया। अजीत शाही, विनोद उपाध्याय, राकेश यादव के अवैध कमाई से बनल संपत्ति के संलग्न करे के भी तैयारी बा। पुलिस ए संपत्ति के विवरण खातीर जीडीए, राजस्व विभाग के चिट्ठी जारी क के मदद मंगले बिया।
माफिया विनोद उपाध्याय के गिरफ्तारी के लेके पुलिस छापामारी तेज क देले बिया। बुध के दिने देवरिया के बरपार गाँव में उनुका दुनु भतीजा के साथे पुलिस उनुका ससुराल में छापा मार दिहलस। लेकिन, विनोद ना मिलल, ससुर आ देवर दुनु फरार रहले। पूछताछ के आधार पे पुलिस बाकी माफिया लुकाईल जगह पे छापामारी तेज क देले बिया।
एसएसपी माफिया विनोद के 25-25 हजार रुपया के इनाम घोषित क चुकल बा अवुरी उनुका भाई संजय अवुरी एलबीडब्ल्यू भी कोर्ट से जारी क देले बा। एकरा बाद मंगलवार के विनोद उपाध्याय के भाई के तलाश में पुलिस शाहपुर थाना क्षेत्र के शक्ति नगर कालोनी में छापामारी कईलस, जहां विनोद के भाई जयप्रकाश के दु बेटा मिलल।
बुध के दिने देवरिया जिला के रामपुर करखाना थाना क्षेत्र के बरपार गाँव में विनोद के ससुराल पे पुलिस छापा मार दिहलस
जबकि विनोद के ससुर अरविंद त्रिपाठी आ देवर राजकुमार त्रिपाठी दुनु जने फरार रहले घर के बा। पुलिस दुनो बेटा के पूछताछ करतिया।
विनोद के भाई जयप्रकाश रेलवे में ठेकेदार के काम करेले। विनोद के अपराध से पैदा भईल पईसा के इस्तेमाल जयप्रकाश के माध्यम से जमीन खरीद-बिक्री में भईल बा।
अब पुलिस माफिया के संपत्ति के ब्यौरा जमा कर रहल बिया। अजीत शाही, विनोद उपाध्याय, राकेश यादव के अवैध कमाई से बनल संपत्ति के संलग्न करे के भी तैयारी बा। पुलिस ए संपत्ति के विवरण खातीर जीडीए, राजस्व विभाग के चिट्ठी जारी क के मदद मंगले बिया। पुलिस ए माफिया अवुरी ए लोग के परिवार के लोग के नाम पे दर्ज संपत्ति के विवरण एकट्ठा क के गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करे के तैयारी में बिया।
रंगदारी के मामला में अजीत शाही जेल में बंद बाड़े, लेकिन विनोद अवुरी राकेश यादव अभी तक बाहर बाड़े। विनोद अवुरी उनुकर भाई संजय के खिलाफ भी रंगदारी के मामला दर्ज बा, जबकि दूसरा ओर एगो आदमी राकेश यादव प जमीन प कब्जा क के रंगदारी के मांग करे के एगो नाया आरोप लगवले बा। फिलहाल पुलिस अब राकेश के खिलाफ तहरीर के सच्चाई के जांच करतिया। बतावल जाता कि जल्दिए उनुका खिलाफ ए मामला में रंगदारी के मामला भी दर्ज हो सकता।
माफिया के संपत्ति के विवरण एकट्ठा कईल जाता। पुलिस जीडीए, राजस्व विभाग से मदद ले रहल बिया। माफिया के खिलाफ कड़ा कार्रवाई होई।
साभार- अमर उजाला
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