ज्येष्ठ महीना के शुक्ल पक्ष के पूर्णिमा के दिन भक्त लोग असि जगन्नाथ मंदिर में भगवान जगन्नाथ, सुभद्रा आ बलभद्र के जलाभिषेक कइल आ सुख समृद्धि के कामना कइल। सबेरे पांच बजे मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित राधेश्याम पाण्डेय शापुरी परिवार के सानिध्य में गंगा के पानी से भगवान के जलाभिषेक क के आपन आंख के झकझोर देवे वाला नयनाभिराम श्रृंगार कईले।
एकरा बाद भोग चढ़ा के भव्य आरती कइल गइल। एकरा बाद जलाभिषेक के प्रक्रिया भक्त लोग के ओर से शुरू हो गईल। गंगा जी से गंगाजल भक्त लोग ले अइले आ भगवान जगन्नाथ, बलभद्र आ सुभद्रा के गंगाजल से अभिषेक कइल गइल। जलाभिषेक सबेरे पांच बजे से शुरू होके देर शाम तक चलेला।
मानल जाला कि भक्त लोग के जल अभिषेक के अधिकता के चलते भगवान बेमार होके पखवाड़ा तक विश्राम लेवेले। आचार्य पंडित संतोष कुमार मिश्र कहले कि एक पखवारा तक भगवान के रोज काढ़ा चढ़ावल जाला अवुरी 15 दिन ले आराम कईला के बाद भगवान रथ यात्रा हवा खोरी खातीर डोली में बईठ के जगन्नाथ मंदिर से निकल जाले, जहां खातीर विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा मेला के आयोजन होखेला 3 दिन के।
साभार- अमर उजाला