गंगा दशहरा 2023 : एह साल ज्येष्ठ महीना में गंगा दशहरा के ओही दिन बड़का मंगल के शुभ आयोजन हो रहल बा। गंगा मइया आ बजरंगबली के पूजा से जुड़ल खास बात इहाँ जानीं।
गंगा दशहरा : हिन्दू कैलेंडर के अनुसार गंगा दशहरा ज्येष्ठ महीना के शुक्ल पक्ष के दसवाँ दिन मनावल जाला। एह दिन माई गंगा के पूरा श्रद्धा से पूजा कइल जाला। माँ गंगा के समर्पित एह दिन बड़ मंगल भी मनावल जा रहल बा। बड़ा मंगल ऊ दिन ह जवना में बजरंगबली के विशेष पूजा आ पाठ कइल जाला। आगामी 31 मई के गंगा दशहरा आ बड़का मंगल मनावल जाई। दुनो दिन से जुड़ल कुछ खास बात जानीं आ बड़का मंगल आ गंगा स्नान के शुभ समय पे बजरंगबली के पूजा कईसे कईल जाला।
गंगा दशहरा अउर बड़का मंगल
मानल जाला कि गंगा दशहरा के दिन भोलेनाथ के बाल से निकल के माई गंगा धरती पे उतरली। गंगा के वंश के एह दिन के गंगा दशहरा के नाम से जानल जाला। अबकी बेर गंगा दशहरा के दिन साल के आखिरी बड़का मंगल शुभ आयोजन मनावल जा रहल बा। मान्यता के अनुसार एह दिन व्रत आ पूजा कइला से भक्त लोग के दुगुना परिणाम मिल सकेला। एकरा अलावे एह दिन दान के काम भी शुभ मानल जाला।
सिद्ध योग में 30 मई मंगल के दिने गंगा दशहरा मनावल जाई। एह दिन माई गंगा के साथे भगवान शिव, सूर्य देव, ब्रह्मदेव, हिमालय पर्वत आ राजा भागीरथी के भी पूजा होला। एकरा संगे एह दिन बजरंगबली के भी विशेष पूजा-आराधना कईल जाई।
गंगा दशहरा के दशमी तिथि 29 मई के सबेरे 11.49 बजे शुरू होई अवुरी अगिला दिन सबेरे 1.07 बजे खतम होई, लेकिन उदयतिथी के मुताबिक गंगा दशहरा के नहाए के काम सिर्फ 30 मई के मान्य होई अवुरी एही दिन गंगा दशहरा मनावल जाई ।
बड़का मंगल के पूजा खातिर भक्त लोग बजरंगबली के व्रत रखेला। पूजा सबेरे सबेरे स्नान के बाद आ साँझ के पूजा हनुमान मंदिर जाके कइल जाला। एह दिन बुंदी के लड्डू के भोग में चढ़ावल आ प्रसाद के रूप में बाँटल शुभ मानल जाला। भक्त लोग पूर्ण श्रद्धा से हनुमान आरती आ हनुमान चालीसा के पाठ करेला।
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