गणेश स्थापना पs बुध-चतुर्थी के शुभ संयोग:300 साल बाद गणेश चतुर्थी पर लंबोदर योग, 31 अगस्त के उहों योग जेमें पार्वती मिट्टी के गणेश बनवलें रहली
31 अगस्त के आ रहल गणेश चतुर्थी कई मायना में बहुत खास बा। अकेले चतुर्थी ही शुभ नाइ बा, बलुक 31 अगस्त से 9 सितंबर के बीच 7 दिन निम्मन योग बन रहल बा।
एह साल ऊ सारा योग-संयोग बन रहल बा, जौन गणेश जी के जन्म पर बनल रहे। दिन बुधवार, तिथि चतुर्थी, नक्षत्र चित्रा अउरी मध्याह्न काल यानी दोपहर के समय। इहे ऊ संयोग रहल जब पार्वती जी मिट्टी के गणेश बनवलें रहली अउरी शिव जी ओमें प्राण डरले रहलें। एकरे अलावा भी कुछ दुर्लभ अउर शुभ योग बन रहल बा जौन 31 अगस्त से 9 सितंबर ले गणेश उत्सव के दौरान रहिहें। एह दौरान सर्वार्थसिद्धि, राजयोग अउरी रवियोग बनले से नौ दिन शुभ संयोग रही।
31 के गणपति स्थापना के संगही तीज-त्योहार के दौर भी शुरू हो जाई। गणेश चतुर्थी के अगिले दिन ऋषि पंचमी रही। सुहागन लोग एह दिन भी व्रत-उपवास रख के सप्त ऋषियन के पूजा करिहें। फेर शुक्क के भगवान कार्तिकेय के पूजा होई। शनिवार के दूर्वाष्टमी होखले से गणेश मंदिर में दूर्वा से विशेष पूजा अउरी श्रंगार कइल जाई। एह दिन राधाष्टमी व्रत भी रही।
अतवार के नवमी तिथि के क्षय होई। फिर, सोम, मंगल अउरी बुध तीनों दिन भगवान विष्णु के पूजा होई। एहमें सोमवार के दस अवतारन के पूजा, मंगलवार के एकादशी व्रत अउरी बुधवार के वामन अवतार के प्राकट्योत्सव मनी। गुरुवार के प्रदोष व्रत के संगे शिव-पार्वती पूजा होई।अंतिम दिन अनंत चतुर्दशी पर श्री गणेश जी के विसर्जन होई।
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