गहिला/देवरिया। साध्वी भक्ति नारायणी कहली कि श्रीमद्भागवत कथा के सुनला से जन्म जन्मांतर के विकार नष्ट हो जाला। कलुयग में कथा सुनला मात्र से आदमी भवसागर पार हो जाला। सुतल ज्ञान, बैराग्य कथा श्रवण से जागृत हो जाला। जवना से सब इच्छा के पूर्ति कइल जा सकत बा।
ऊ चकरा गहिला के बीच इस्थित श्रीराम जानकी मंदिर में चल रहल सात दिवसीय भागवत कथा के दूसरका दिन भक्तन के बीच प्रवचन करत रहली। ऊ कहली कि भागवत पुराण हिंदुअन के 18 पुराणन में से एगो बा। जेमे श्रीकृष्ण के सब देवन के देव भा खुद भगवान के रूप में चित्रित कइल गइल बा।
भगवान के अलग-अलग कथा के सार श्रीमद्भागवत मोक्ष दायिनी बा। एकरा श्रवण से परीक्षित के मोक्ष के प्राप्ति भइल। कलियुग में आजो एकर प्रत्यक्ष प्रमाण देखे के मिलेला। भगवान श्रीकृष्ण के रासलीला के दर्शन करे खातिर भगवान शिवजी के गोपी के रूप धारण करे के पड़ल।
एह दौरान रामसिंगार कुशवाहा, राम आशीष कुशवाहा, जयपति यादव, सुदीना, वीरेंद्र, नरसिंह यादव, संगीता देवी, गिरजा देवी , फुलवारी देवी, बिहारी आदि लोग उपस्थित रहल।