नई दिल्ली। केंद्र सरकार अब महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के जगे एगो नया कानून ले आवे के तदयारी में जुटल बा। जानकारी के मोताबिक सरकार मनरेगा के खत्म करे आ ग्रामीण रोजगार खातिर नया कानून लागू करे के मकसद से एगो नया विधेयक तइयार कइले बिया, जवना के प्रति लोकसभा सांसदन में बांटल जा रहल बा।
बतावल जा रहल बा कि एह विधेयक के नाम “विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार आ आजीविका मिशन (ग्रामीण) 2025” रखल गइल बा। आम भाषा में एकरा के VB-G RAM G कहल जाई। सरकार के माने के बा कि एह विधेयक के मकसद गांव में रोजगार आ आजीविका खातिर एगो मजबूत विकास ढांचा खड़ा करे के बा।
125 दिन रोजगार के संवैधानिक गारंटी
नया विधेयक के तहत हर ग्रामीण परिवार के हर वित्तीय साल में 125 दिन के मजदूरी रोजगार के संवैधानिक गारंटी दिहल जाई। लोकसभा में एह बिल पs जल्दिये चरचा होखे के उम्मेद बा। कानून बनला के बाद ओह परिवारन के रोजगार के गारंटी मिली, जवना परिवार के सदस्य अकुशल शारीरिक काम करे खातिर खुद के तइयार करी लोग।
समय पs भुगतान ना भइला पs बेरोजगारी भत्ता
एह विधेयक में इहो प्रस्ताव बा कि काम पूरा भइला के एक हफ्ता भा 15 दिन के भीतर मजदूरी के भुगतान कइल जाई। जदि तय समय सीमा में मजदूरी के पईसा ना मिलल, तs मजदूरन के बेरोजगारी भत्ता देवे के प्रावधान रखल गइल बा। सरकार के दावा बा कि एकरा से ग्रामीण मजदूरन के आर्थिक सुरक्षा मजबूत होई।
सदन में पेशी से पहिले भाजपा के व्हिप
एह बिल के संसद में पेश होखे से पहिले भारतीय जनता पार्टी (BJP) अपना सांसदन खातिर व्हिप जारी कइले बा। भाजपा सब सांसदन से कहले बिया कि ऊ लोग 15 दिसंबर से 19 दिसंबर तक लोकसभा में अनिवार्य रूप से मौजूद रहे, ताकि बिल पs चरचा आ मतदान के दौरान पूरा समर्थन सुनिश्चित कइल जा सके।
कुल मिलाके, मनरेगा के जगह ले आवे जा रहल G RAM G योजना गांव के रोजगार बेवस्था में बड़ बदलाव ला सकेला, बाकिर एकरा पs अंतिम फैसला संसद में चरचा के बाद होई।








