आजु देश भर में कृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम से मनावल जा रहल बा। अबकी बेर जन्माष्टमी के दिन बहुत शुभ आ दुर्लभ संजोग हो रहल बा। ज्योतिषी लोग के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के समय अइसने योग रहे। अइसना में एह योग में जन्माष्टमी के पूजा कइला से भक्तन के कई गुना अधिका परिणाम मिल जाई. बता दीं कि हर साल भाद्रपद महीना के कृष्ण पक्ष के अष्टमी तिथि के जन्माष्टमी मनावल जाला। तs आईं जानी जा कि आज भगवान श्रीकृष्ण के पूजा खातिर कवन शुभ आ फलदायी समय सबसे शुभ आ फलदायी होई।
जन्माष्टमी 2024 के ई शुभ योग
आज जन्माष्टमी के दिन द्वापर युग जइसन योग के बन रहल बा। एह साल चंद्रमा वृषभ राशि अवुरी रोहिणी नक्षत्र में होई, ठीक ओसही जईसे द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के समय भईल रहे। मान्यता के अनुसार कान्हा जी के जन्म के समय वृषभ राशि में चंद्रमा मौजूद रहे। एकरा अलावे आज जन्माष्टमी के दिन सर्वाथ आ जयंती योग के भी गठन हो रहल बा। कहल जाला कि जयंती योग में व्रत रखला से अक्षय गुण फल मिलेला। संगही, जन्माष्टमी अवुरी खास बा, काहेंकी इs सोमार के पड़ल बा।
जन्माष्टमी 2024 शुभ मुहूर्त
•रोहिणी नक्षत्र प्रारंभ- 26 अगस्त 2024 के दुपहरिया 3 बजके 55 मिनट से
•रोहिणी नक्षत्र समाप्त- 27 अगस्त के दुपहरिया 3 बजके 38 मिनट पs
•जन्माष्टमी के पूजा खातीर सबसे उत्तम मुहूर्त- 26 अगस्त के मध्यरात्रि 12 बजके 01 मिनट से 12 बजके 45 मिनट ले
•ब्रह्म मुहूर्त- सुबेरे 4 बजके 27 मिनट से सुबेरे 5 बजके 12 मिनट ले
•अभिजीत मुहूर्त- सुबेरे 11 बजके 57 मिनट से दुपहरिया 12 बजके 48 मिनट ले
•सर्वार्थसिद्धि योग- 26 अगस्त 2024 के दुपहरिया 3 बजके 55 मिनट से काल्ह सुबेरे 5 बजके 39 मिनट ले
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