Devshayani Ekadashi Upay : आषाढ़ शुक्ल पक्ष के एकादशी तिथि के देवशयनी एकादशी व्रत करे के परंपरा बा। आज से भगवान श्री विष्णु विश्राम खातिर क्षीर सागर जाके चार महीना उहाँ रहेले। भगवान श्री हरि के नींद के समय के इs चार महीना के चतुर्मास के नाम से जानल जाला। एह चार महीना में श्रावण, भद्रपद, आश्विन आ कार्तिक महीना शामिल बा. चतुर्मास के शुरुआत के साथ अगिला चार महीना ले बियाह आदि सब शुभ काम निषिद्ध हो जाला। देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु जागेले। एकरा बाद बियाह आ अउरी शुभ समारोह शुरू हो जाला। तs आजु जानीं जा कि देवशयनी एकादशी के दिन आजु कवन उपाय कइल जाव.
*अपना वैवाहिक जीवन के खुशहाल राखे खातिर आज रात के एक ओर कपूर अवुरी दूसरा ओर सिंदूर के डिब्बा अपना तकिया के नीचे लेके सुत लीं। अगिला दिने सबेरे सबेरे उठ के घर के बहरी कपूर जरा के सिंदूर के इस्तेमाल अपना इस्तेमाल खातिर करीं भा मंदिर में दान करीं.
*अगर रउआ आपन वैवाहिक जीवन सुखद रखे के चाहत बानी तs आज नहाए के बाद साफ कपड़ा पहिन के तुलसी के पौधा के नमन करीं आ आपन बढ़िया वैवाहिक जीवन खातिर प्रार्थना करीं।
*अगर बहुत मेहनत के बाद भी राउर कंपनी या बिजनेस के ज्यादा मुनाफा नईखे मिलत तs आज रउवा भगवान विष्णु के सामने घी के दीप जरावे के चाही। चना के आटा के लड्डू भी भगवान के चढ़ावे के चाहीं। कुछ देर चढ़ावे के बाद ओह लड्डू के प्रसाद के रूप में सबके बाँट दीं आ खुद कुछ प्रसाद भी ले लीं।
*अगर कवनो कारण से आपके मनचाहा बियाह में बहुत दिन ले बाधा आवत बा तs ओह बाधा से मुक्ति पावे खातिर आज नहा के भगवान विष्णु के नमन कs के चटाई पs बईठ जाईं। फेर भगवान विष्णु के मंत्र के 11 बार जप करीं। मंत्र बा – ॐ नमो भगवते नारायणाय।
*अगर रउरा अपना आर्थिक पक्ष के पहिले से भी जादा मजबूत करे के चाहत बानी तs आज नहाए आदि के बाद पीयर रंग के कपड़ा पहिनीं। अगर रउरा लगे पहिरे खातिर कवनो पीयर कपड़ा नइखे तs कवनो रंग के कपड़ा पहिनीं बाकिर पीला गमछा भा पीला रंग के छोट कपड़ा अपना साथे राखीं.
Comments are closed.