डॉ० सुधीर सक्सेना के कइल गइल गतिविधि संस्था आ गोरखपुर जर्नलिस्ट प्रेस क्लब द्वारा सम्मानित
समकालीन पत्रकारिता पs भइल बतकही
साहित्यिक संस्था ‘गतिविधि’ अउर गोरखपुर जर्नलिस्ट प्रेस क्लब (शास्त्री चौक) के संयुक्त तत्वाधान मे आयोजित कवि -पत्रकार अउर ‘दुनिया इन दिनों’ के संपादक डा० सुधीर सक्सेना (भोपाल) ‘समकालीन हिंदी पत्रकारिता के समक्ष चुनौतियां’ विषय पर 5 दिसम्बर के बजे गोरखपुर जर्नलिस्ट प्रेस क्लब में व्याख्यान भइल आ उनका के सम्मानित कइल गइल।
आयोजन के मुख्य अतिथि कवि सुधीर सक्सेना अउर अध्यक्षता प्रोफेसर अनंत मिश्र कइलें। एह कार्यक्रम में शहर के साहित्यकारन, पत्रकार, संस्कृतिकर्मियन अउर प्रबुद्धजन लोग के सहभागिता बनल रहल।
कार्यक्रम के शुरुआत माई सरस्वती के तस्वीर के माल्यार्पण अउर पुष्पार्चन से भइल। ओकरे बाद निराला के ‘वाणी वंदना’ से माई के वंदना कइल गइल। ओकरे बाद अध्यक्ष, मुख्य अतिथि समेत आगंतुक लोग के माल्यार्पण क के सम्मानित कइल गइल।
आगंतुक के स्वागत आ सभा के सम्बोधित करत ‘गतिविधि’ संस्था के संयोजक प्रो० अरविंद त्रिपाठी कहनें कि आजुकाल मीडिया मीडिया नाइ रह गइल बा बलुक ई ‘मण्डी मीडिया’ में बदल चुकल बसा। एह मण्डी मीडिया में सच के आवाज हाशिये पs नाइ, बलुक पिछुआरे भेज दिहल गइल बा। पत्रकार समाज के अगुआ होलें अउर ई समय पत्रकारिता में आवाजन के आक्रामकता के रोकले के बा।
प्रो० चित्तरंजन मिश्र कहनें कि पत्रकारिता समाज से बा, कौनो घराना से नाइ। एह समय जौन चुनौती मीडिया के सोझे बा ऊ खाली मीडिया के संगे नाइ, हर एक नागरिक के संगे बा।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सुधीर सक्सेना मीडिया के चुनौती के समाधान बतावत कहनें कि पत्रकारिता में सुधार करे खातिर नागरिक में सुधार करे के जरूरत बा। एकरे बाद ऊ आपन तमाम कविता के पाठ कइलें जौन अपने प्रासंगिकता के संगे अजुओ बनल बा।
कार्यक्रम के अध्यक्षता करत प्रो० अनंत मिश्र जी कहनें कि ई दुनिया सबके अलगा कइले से नाइ बनेले, ई दुनिया सबके एक करे से बनेले। पत्रकारिता के कार्य खाली विवेक पैदा कइल नइखे बलुक अइसन विवेक पैदा कइल बा जौन मनुष्यता के बढ़ावा देत होखे। साहित्य अहंकार नाइ देला, बलुक सबके आपन मानsला।
एह दौरान साहित्यिक समाज के प्रो० प्रभाकर मिश्र, देवेंद्र आर्य, राकेश तिवारी, संजय सिंह, शिवेंद्र मणि त्रिपाठी, रजनीश पाण्डेय, आशुतोष तिवारी ‘आशू’, उत्सवमणि त्रिपाठी सहित तमाम लोग मौजूद रह के कार्यक्रम के शोभा बढ़ावल।
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