नवरात्रि काल्ह से यानी बियफ़ें 2 नवम्बर से शुरू हो गईल बा। अब नौ दिन से माई देवी के पूजा घर, मंदिर आ पंडाल में आरती, भजन आ कीर्तन के साथे कइल जाई। नवरात्रि के अंत के बाद दूसरा दिन यानी दशमी तिथि के दिन पूरा देश दशहरा के उत्सव में डूब रही। एकरा संगे दशमी के 20 दिन बाद मनावल जाए वाला त्योहार धनतेरस, दिवाली, गोवर्धन पूजा अवुरी भाई दूज के तैयारी घर-घर में शुरू हो जाई। अइसना में हमनी के इहाँ आर्टिकल में एह सब महत्वपूर्ण परब के सही तारीख आ समय के बारे में बतावत बानी जा, ताकि रउआ लोग के कवनो तरह के भ्रम मत होखे।
धनतेरस
एकरा संगे दीपावली के दु दिन पहिले धनतेरस मनावल जाला। आज के दिन घर में कुछ नया चीज खरीदल जाला, जइसे कि सोना, चांदी, बर्तन आदि। अबकी बेर धनतेरस त्रयोदशी तिथि यानी 29 अक्टूबर बियफ़ें के मनावल जाई। एह दिन पूजा के शुभ समय सांझ के 06:30 बजे से 08:12 बजे ले बा।
छोटी दीवाली
धनतेरस के बाद छोट दिवाली पडेला। ई परब कृष्ण पक्ष के चतुर्दशी तिथि के मनावल जाई जवन 30 अक्टूबर के होई। बता दीं कि एकरा के नरका चतुर्दशी भी कहल जाला।
गोवर्धन पूजा
साथ ही दिवाली के बाद गोवर्धन पूजा आवेला जवना के अन्नकूट भी कहल जाला। एह दिन श्री कृष्ण के पूजा होला। ई परब एह साल 2 नवम्बर शनिचर के दिने मनावल जाई.
भाई दूज
एकरा अलावे भाई दूज के परब 3 नवम्बर 2024 के मनावल जाई। एह दिन तिलक करे के शुभ समय दुपहरिया के 01:10 से 03:22 बजे ले बा।
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