Bihar Govt Salary Increment: खुशखबरी! 30 जून आ 31 दिसंबर के रिटायरमेंट पऽ मिली नोशनल वेतन-वृद्धि के लाभ
अब बिहार में सरकारी कर्मचारियन के 30 जून आ 31 दिसंबर के रिटायरमेंट पऽ काल्पनिक वेतन वृद्धि के लाभ मिल जाई। सरकारी सेवकन के सेवानिवृत्ति लाभ के गणना के दिशानिर्देश जारी कइल गइल बा. राज्य वेतन आयोग के सिफारिश प वेतन वृद्धि के प्रावधान कइल गइल बा। बता दीं कि राज्य वेतन आयोग के सिफारिश के मुताबिक हर साल वेतन वृद्धि देवे के दु तारीख (1 जनवरी आ 1 जुलाई) तय बा।
बिहार सरकार के वेतन वृद्धि 30 जून आ 31 दिसंबर के सेवानिवृत्त होखे वाला सरकारी सेवकन के सेवानिवृत्ति लाभ के गणना में समस्या के समाधान हो गइल बा। हालांकि, अइसन कर्मचारी के रिटायरमेंट के लाभ के गणना काल्पनिक बढ़ोतरी के आधार प होई।
दरअसल काल्पनिक वेतन वृद्धि एगो वैचारिक व्यवस्था हऽ। एकरा खातिर कवनो तय फार्मूला नइखे। तबो अइसना में पहिले के पद आ तारीख के फायदा अक्सर दिहल जाला। आम तौर पs इ समझे के चाही कि 30 जून आ 31 दिसंबर के रिटायरमेंट के लाभ के गणना क्रमशः 1 जुलाई आ 1 जनवरी के आधार पs कइल जा सकऽता। हालांकि सरकार के इच्छा प निर्भर करेला, अइसन करे खाती बाध्य नइखे।
एह दुनो तारीख (30 जून आ 31 दिसंबर) पs रिटायर होखे वाला सरकारी सेवक के रिटायरमेंट के लाभ के लेके अक्सर अलग-अलग विभाग से दिशा-निर्देश मांगल जात रहे। एकरा से जुड़ल मामला कोर्ट तक पहुंचत रहल बा। अब भविष्य में अइसन कवनो समस्या ना होई, काहेंकी वित्त विभाग अइसन सरकारी सेवक के सेवानिवृत्ति के लाभ के लेके दिशा-निर्देश जारी कइले बिया।
राज्य वेतन आयोग के सिफारिश के मुताबिक हर साल वेतन वृद्धि देवे खातिर दु तारीख (1 जनवरी आ 1 जुलाई) तय कइले बिया।
नियम का कहऽता ?
नियम के तौर पs सरकारी सेवक के 1 जनवरी चाहे 1 जुलाई के मात्र एगो सालाना बढ़ोतरी के हकदार होखेला। ओह प्रस्ताव के आलोक में आ बिहार सेवा संहिता के प्रावधान के आलोक में सरकारी सेवकन के सालाना बढ़ोतरी 1 जनवरी भा 1 जुलाई के दिहल जाला।
31 दिसंबर आ 30 जून के सेवानिवृत्त होखे वाला सरकारी सेवकन खातिर 1 जनवरी भा 1 जुलाई के काल्पनिक वेतन वृद्धि मानला के कवनो नीतिगत प्रावधान ना रहे। अइसना में विभिन्न विभाग से प्रस्ताव आवत रहे।
सुप्रीम कोर्ट में पेंशन आ बाकी सेवानिवृत्ति लाभ के गणना खातिर काल्पनिक वेतन वृद्धि मानल जाए के फैसला भइल। एह सभ बिन्दु के देखत वित्त विभाग काल्पनिक वृद्धि देवे के फैसला कइले बा।
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