संगीत नाटक अकादमी अमृत पुरस्कार से नवाजल जइहें भोजपुर के लोक गायक भरत सिंह भारती!
लोक गायक भरत सिंह भारती के पहिले भी अपना लोक गायन खातिर बहुत सम्मान मिलल बा आ देश-विदेश में भी उहाँ के लोक गायन के प्रदर्शन कइले बानी।
16 सितंबर के आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पs नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित एगो विशेष समारोह में भोजपुर जिला के नोनउर गाँव निवासी लोक गायक भरत सिंह भारती के संगीत नाटक अकादमी के अमृत पुरस्कार, उपाध्यक्ष द्वारा दिहल जाई. भरत सिंह भारती जी के ई पुरस्कार उपराष्ट्रपति जगदीप जनखड़ जी के हाथ से लोक गायन के क्षेत्र मे बेहतर काम करे खातिर दिहsल जाई। एह संबंध में लोकगायक भरत सिंह भारती कहले कि “उक्त सम्मान खातिर चयन के बारे में उन्हा के जानकारी 7 सितंबर के मेल के माध्यम से मिलsल रहे।”
लोक गायक भरत सिंह भारती के एकरा पहिलहुं अपना लोक गायन खातिर बहुत सम्मान मिलल बा आ देश-विदेश में भी उहाँ के लोक गायन के प्रदर्शन कइले बानी।
लोक गायक भरत सिंह भारती के गाना सुनल एगो आशीर्वाद से कम नइखे। भोजपुर के सहर थाना के नोनउर गांव के एह लोक गायक के आवाज के मिठास पटना आकाशवाणी 1962 से लोगन तक पहुँचा रहल बा । इंहा के लगातार आकाशवाणी पटना से अपना गीतन के माध्यम से श्रोता लोगन के मंत्रमुग्ध कइले बानी । भारते ना विश्व में भोजपुरी लोकगीतन के पहुंचावे वाला एगो बड़हन नाव हs -भरत सिंह भारती।जीवन में पहिला पुस्तक ‘नयका बिहार’ प्रकाशित भइल। किताब ‘सप्त-सरोवर’ में लोक भजन, पुरवी, चईती, सोहर, संस्कार, कजरी आ विकास के गीत शामिल बा।
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