चित्रकूट : रउआ समोसा खूब खइले होखब। लेकिन चित्रकूट के बलमा के बनावल समोसा खाईं त शहर छोड़े के मन ना लागी। बलमा के ई समोसा चित्रकूट में लगभग 3 पीढ़ी से लगातार बनत आवता जइसहीं साँझ हो जाला, ई समोसा बलमा बिल्कुल देशी तरीका से बनावल जाला।इहाँ रोज हजारों लोग जुटेला।
बलमा समोसा शहर के एकमात्र बलमा के रूप में जानल जाला, लोग घंटों इ समोसा खाए के इंतजार में खड़ा हो जाला। एकरा के देसी अंदाज में भट्टी में पकावल जाला। एह समोसा के खइला के बाद लोग के हल्कापन महसूस होला। इ दोकान बलमा के नाम से शहर में मशहूर बा, खास बात इ बा कि एक बार एह दोकान में आवे वाला। ऊ एह दोकान में बार-बार समोसा खाए खातिर जरूर पहुँच जाला।
बलमा समसो खइले पs लोग का कहल?
बलमा समोसा के दुकान पs रमेश, रम स्वरूप खात ग्राहक बहुत उत्साह से कहले कि शायद इ समोसा बुंदेलखंड के आसपास के कुछे जिला में ही मिले। बलमा के ई देसी स्टाइल के समोसा खइला के बाद हमनी के मन पूरा तरह से बदल जाला, पूरा जिला में कहीं भी देसी स्टाइल में समोसा ना पकावल जाला। हमनी के खास तौर पs इहाँ रोज समोसा खाए आवेनी जा, एकरा संगे हमनी के समोसा भी घरे ले जानी जा।
तीन पीढ़ियन से टेस्ट बरकरार
बलमा समोसा के संचालक गोविंद यादव बतवले बाड़े कि हमनी के दोकान में तीन पीढ़ी से टेस्ट में कवनो बदलाव नईखे होखत। बलमा के समोसा अपना टेस्ट के नाम से जिला में मशहूर बा। अगर केहू के एक बेर एकर टेस्ट करे के बा त उहो जरूर आके खाए आ भुलाए ना पाई। हमनी के एकरा के बहुत देसी स्टाइल में बनावेनी जा अवुरी लोग एकरा के बहुत पसंद करेले।