आरती: जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा आजु बुध के दिने Ganesha Ji Ki Aarti

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गौरी के पुत्र श्री गणेश जी के हर बुधवार के पूजा होला। बिगड़ल काम के पूर्ववत करे खातिर ई दिन सबसे बढ़िया मानल जाला। अइसन स्थिति में एह दिन सबेरे स्नान के बाद भगवान गणेश जी के पूजा करे के चाहीं। साथ ही मोदक के प्रसाद, उनकर पसंदीदा भोजन, भगवान गणेश के चढ़ावे के चाहीं। एकरा अलावे बुधके गणेश पूजा के दौरान श्री गणेश जी के आरती के पाठ करीं। एह आरती के करके रउआ बाधा दूर करे वाला भगवान गणेश के खुश क के आपन इच्छा पूरा कs सकेनी। आजु हमनी के गणेश जी केआरती लेके आइल बानी जा, जवना में गणपति बप्पा के वर्णन बा। गणेश जी के आरती….

गणेश जी के आरती🌺

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ॥

एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।

माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ॥

पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा ।

लड्डुअन का भोग लगे संत करें सेवा ॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ॥

अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया ।

बांझन को पुत्र देत निर्धन को माया ॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ॥

सूरश्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा |

माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ॥

दीनन लाज रखो, शंभु सुतकारी ।

कामना को पूर्ण करो जाऊं बलिहारी ॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ॥🌺

 

 

 

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