साल में खाली नौ दिन खुलेला माई दुर्गा के ई प्राचीन मंदिर
शारदीय नवरात्रि के पावन पर्व आज से शुरू हो गइल बा। ई हिन्दू धर्म के प्रमुख परब सभ में से एक हवे, हर साल कुआर के महीना में मनावल जाला। एह दौरान देवी दुर्गा के नौ रूप के पूजा कइल जाला आ व्रतो कइल जाला। एकरा अलावे ए घरी मंदिरन में माई भगवती के दर्शन करावे खातिर भक्तन के भीड़ लागल बा। भारत मंदिरन के देश हऽ। इहाँ हर कदम पs कई गो छोट-बड़ मंदिर मिलेला, जवना के आपन सांस्कृतिक आ धार्मिक महत्व बा।
अइसने एगो मंदिर ओडिशा में बा जवन कई कारण से एगो अनोखा मंदिर मानल जाला। आम तौर पs ओडिशा के नाम सुनला प सबसे पहिले मन में जगन्नाथ मंदिर आवेला, बाकिर ओडिशा में माता रानी के एगो अनोखा मंदिर बा, जवन खाली नवरात्रि के दौरान खुलेला। गजपति जिला के परलाखेमुंडी में एगो छोट दुर्गा मंदिर बा, जवना के बारे में बहुत कम लोग जानत बा। अइसना में आज नवरात्रि के अवसर पs हम रउआ सभे के एह अनोखा मंदिर के बारे में बताइब-
साल भर बंद रहेला केंवार
बहुत कम मशहूर मंदिर नवरात्रि के दौरान साल में मात्र नौ दिन खुलल रहेला। ओडिशा में एह मंदिर के दांडू माई के नाम से जानल जाला। ई बहुत पुरान मंदिर ह, जवना में नवरात्रि के दौरान ओडिशा आ आंध्र प्रदेश से बहुत संख्या में लोग आवेला। खास बात ई बा कि बाकी मंदिरन उलटा ई मंदिर साल भर बंद रहेला आ नवरात्रि के नौ दिन में ही खुला रहेला। एक साल में मात्र नौ दिन मंदिर खोले के इ परंपरा अनजान समय से चलत आवता आ एकर कारण पता केहू के नईखे।
मंदिर खाली नौ दिन खातिर खुलेला
एह मंदिर के केंवार नवरात्रि के पहिला दिने खुलेला। एकरा बाद इहाँ कई गो संस्कार होला जवन नवरात्रि के अंतिम दिन आधा रात तक चलेला। एकरा बाद माटी के घड़ा में नारियल प्रसाद के संगे मंदिर के दरवाजा अगिला साल तक बंद रहेला। खास बात ई बा कि अगिला साल जब मंदिर के दरवाजा खुलेला तऽ ऊ जइसन बा ओइसने रहेला जवन बाद में नवरात्रि में मंदिर में आवे वाला भक्तन के दिहल जाला।
दूर – दूर से लोग आवेला
शहर के कई गो प्राचीन मंदिरन में से एगो, ई दुर्गा मंदिर शहर के सांस्कृतिक सुंदरता में एगो खास स्थान रखेला। नवरात्रि के पावन काल में दूर-दूर से लोग इहाँ आवेला। साल के इहे एकमात्र समय हऽ जब भक्त लोग एक झलक पा सकऽता जेकरा के तेलुगु में दंडमरम्मा और उड़िया में दंडु मां के नाम से जानल जाला। एह शहर के बात कइल जाव तऽ परलाखेमुंडी भा पराला ओडिशा के सभसे पुरान नगरपालिका सभ में से एक हवे जवन 1885 में स्थापित भइल। एह शहर के लोग ज्यादातर तेलुगु आ उड़िया बोले ला आ ई जगह आंध्र प्रदेश से सटल बा।
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