मंत्र: जानी ‘श्री शिवाय नमस्तुभ्यं’ मंत्र के अर्थ आ फायदा
श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र के महिमा : जइसे कि हमनी के सब केहू जानत बानी जा कि भगवान शिव के खुश कइल बहुत आसान बा, एही से उनुका के भोलेनाथ भी कहल जाला, एकरा अलावा भगवान शिव के अउरी कई गो नाम बा।
श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र के महिमा : जइसे कि हमनी के सब केहू जानत बानी जा कि भगवान शिव के खुश कइल बहुत आसान बा, एही से उनुका के भोलेनाथ भी कहल जाला, एकरा अलावा भगवान शिव के अउरी कई गो नाम बा। अइसन कई गो उदाहरण बा जब बाबा भोलेनाथ कई राक्षसन के वरदान देले बाड़े आ हमनी के महादेव अइसन बाड़े कि बिना पूछले भी सबके बात सुन के हमनी के मनोकामना पूरा करेले। भगवान शिव के एगो मंत्र बा जवना के नाम बा “श्री शिवाय नमस्तुभ्यं” पूरा भक्ति से जप के भगवान शंकर प्रसन्न होके राउर मनोकामना पूरा कर के राउर जीवन से परेशानी दूर कs देले। आईं जानी जा कि श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र के का फायदा बा, श्री शिवाय नमस्तुभ्यं के अर्थ, एकर जाप के तरीका आ एह मंत्र से जुड़ल कुछ अउरी महत्वपूर्ण जानकारी।
श्री शिवाय नमस्तुभ्यं के भोजपुरी अर्थ
एह मंत्र के सरल अर्थ बा “हे श्री शिव, हम रउआ के नमन करत बानी”। इहाँ शिवाय के मतलब भगवान शिव आ नमस्तुभ्यं के मतलब नमस्कार। एकरा से मिल के एगो पूरा वाक्य बन जाला कि “हे श्री शिव, हम तोहरा के नमन करत बानी।”
श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र के जप के विधि
एह जप के शुरुआत करत घरी ध्यान राखे के पड़ी कि ऊन से बनल आसन के इस्तेमाल करे के चाहीं आ हर बेर एह आसन के इस्तेमाल करे के चाहीं आ एकरा के बार-बार ना बदले के चाहीं। एह मंत्र के जप सबेरे करे के चाहीं आ एगो समय तय करे के चाहीं आ हर दिन एके समय में एह मंत्र के जप करे के चाहीं। 108 मोती के माला से 108 बेर एह मंत्र के जप कइल फायदेमंद होला आ अइसन कइल महामृत्युंजय मंत्र के 1 लाख 8 हजार बेर जपला के बराबर होला। ई जप भगवान शंकर के फोटो के पास रख के कइल जाला। आ ई जप मंदिर में बइठ के भा घर में बनल मंदिर के सामने भी कइल जाला।
श्री शिवाय नामस्तुभ्यम मंत्र के लाभ
एह मंत्र के जप से ना खाली इच्छा पूरा होला, बलुक एह मंत्र के जप से कई गो रोग से भी राहत मिलेला। पंडित प्रदीप मिश्र जी के कहनाम बा कि एह मंत्र के जप से हार्ट अटैक, कैंसर जईसन भयानक रोग के इलाज भी संभव बा। अगर ई जप पीड़ित के लगे तब तक कइल जाव जबले ऊ डाक्टर के लगे ना चहुँप जाव त ई जप बहुते फायदेमंद होला।
इहो मान्यता बा कि एह मंत्र के जाप से लकवा आ बोखार से पीड़ित मरीजन के मदद मिलेला। अगर भगवान शिव पs लगावल सरसों के तेल कवनो लकवाग्रस्त मरीज पs काली मिर्च, लौंग, कमल के पत्ता, बेलपत्र, शनि पत्र के साथे लगावल जाव त एह तेल से मालिश कs के लकवा ठीक हो सकेला। एह मंत्र के हजार महामृत्युंजय मंत्र के बराबर मानल जाला। एह मंत्र के जप से सुख, समृद्धि, आर्थिक लाभ आ शांति भी मिलेला।
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