Special story : ईंहों के जानी , ईंहों के पहचानी: गायिका पूजा निषाद
खबर भोजपुरी एगो सेगमेंट लेके रउरा सब के सोझा आइल बा जवना में हमनी के अपना क्षेत्र में बेहतर काम कs रहल युवा लोग से परिचय करावेनी जा।
एह कड़ी में आजू आईं जानल जाव गायकी के क्षेत्र में बेहतरीन काम कs रहsल पूजा निषाद के बारे में…
पूजा के जनम गोरखपुर में भइल रहे। इनकर बाबूजी के नाम श्री राजकुमार आ माई के नाम श्रीमती मीरा देवी हs।पूजा के स्कूली पढ़ाई गोंडा में पूरा भइल। इनकर माई-बाबूजी हमेशा सपोर्ट करेले। पूजा के घर के माहौल गीत गवनई आ गाना बजाना से कोसो दूर रहे आ ओइजा हमेसा पढ़ाई – लिखाई के बतकही आ चर्चा होत रहे। पूजा के बचपने से संगीत के शवख रहे बाकिर पढ़ाई – लिखाई के माहौल के चलते उ संगीत पs बहुत ध्यान ना दे पवली। उनकरी माई के तब बुझाइल जब पूजा खाली सात साल के रहली, पूजा अपने माई के साथे कीर्तन में गइल रहली ओजु अपने तोतली आवाज में कृष्ण भजन’ मेरो मन हो गयो लटा – पटा ‘ गइले रहली त उनके पहिला इनाम २०० रुपिया मिलल रहे। जब ऊ इंटरमीडिएट में रहली त इंडियन आइडल खातिर ऑडिशन दिहली। बाकिर ओहमें चयन ना भइल। फेर गोरखपुर आ गइली । एकरा बाद २०१९ में संगम कला ग्रुप सुरतरंग खातिर ऑडिशन दिहली ओहमें उनुकर प्रथम स्थान रहे आ ओकरा बाद पूजा के लागल कि हमरा संगीत सीखे के चाहीं आ ओकरा बाद संगीत सिखली। ओकरा बाद उ कई गो गीत गवली।
पुरस्कार
संगीत के क्षेत्र में इनका के कई गो पुरस्कारो मिलल।भोजपुरी एसोसिएशन ऑफ इंडिया ‘भाई’ ‘के बनी माटी के लाल’, संगीत मंजरी कला केन्द्र(गोरखपुर), संगम कला ग्रुप सुरतरंग, शाहजहाँपुर युवा महोत्सव, गोरखपुर महोत्सव में एकल प्रस्तुति,शाहजहाँपुर महोत्सव में एकल प्रस्तुति आ चौरी चौरा महोत्सव सहित कई गो महोत्सव में पुरस्कार से सम्मानित भईल बाड़ी ।
पूजा निषाद के पहिलका गाना एगो छठ गीत रहे जवना के बोल रहे …’ कुहूंके कोयलिया’ आ जवन बहुते पसन कइल गइल रहे ।ओकरा बाद से मिसरी चैनल पs ढेरे गाना आइल जवना के लोग बहुत प्यार देलsस।
यायावरी वाया भोजपुरी के कई गो गाना में पूजा अपना आवाज से सजवले बाड़ी , साथहीं यायावरी वाया भोजपुरी के स्टोरी टेलिंग ऐप खातिर कई गो कहानियन के आपन आवाजो देले बाड़ी।
उनका गावल गीतन में ‘बटोहिया ‘ आ ‘हे तुलसी मईया’ प्रमुख बा। एह दूनो गीतन के लोग-बाग बहुते पसन कर रहsल बा।
पूजा निषाद अस नहवा गायिका भोजपुरी के भवीस बा आ ई अपना गायिकी से भोजपुरिया लोगन में एगो आस जगवले बाड़ी। पूजा के जबे मउका मिलेला समय-समय पs लोकगीत पs आधारित सगरी कार्यशाला में भाग ले के कुछ ना कुछ सीखे के कोशिश करेली।
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