Umesh Pal Hatyakand: गोरखपुर के आतंकी दिलशाद के गुर्गा रहे गुड्डू मुस्लिम, परवेज के मौत के बाद अतीक के करीब आइल
प्रयागराज हत्याकांड से चर्चा में आइल गुड्डू मुस्लिम गोरखपुर के आतंकी दिलशाद के गुर्गा रहे। मेनका टॉकिज बम ब्लास्ट के अभियुक्त परवेज के संगे गुड्डू मुस्लिम शहर में कइयन घटना के अंजाम देले रहे। परवेज के मौत के बाद गुड्डू अतीक अहमद गिरोह के दामन थाम लेले रहे।
प्रयागराज हत्याकांड से चरचा में आइल गुड्डू, कबो गोरखपुर निवासी आतंकी दिलशाद मिर्जा बेग के गुर्गा रहे। गोरखपुर के कोतवाली इलाका में एही आतंकी के रिश्तेदार सहदाब के मदद से किराया के मकान में रहले रहे। एह गिरोह में मेनका टॉकिज (वर्तमान में एडी मॉल) बम ब्लास्ट के आरोपी परवेज टांडा सामिल रहे।
परवेज के मौत के बाद गुड्डू गोरखपुर छोड़के अतीक गिरोह के दामन थाम लेले रहे। सेवानिवृत्त सीओ शिवपूजन यादव बतावत बाड़ें कि दिलशाद बेग आईएसआई के संपर्क में अइला के बाद गोरखपुर छोड़के नेपाल में बस गइल रहे। उहां पs ऊ अपराध सुरू कs देले रहे।
गोरखपुर से चोरी के गाड़ियन के नेपाल में खपावे आ उहां से भागल बदमाशन के शरण दिलावे के काम उहां करत रहे। बरिस 1990 से 2000 के दशक तक एह सभन के दबदबा रहल। दिलशाद के मौत के बाद परवेजो नेपाल में ठिकाना बना लेलस। ऊ बतवलें कि परवेज के मौत के बाद गुड्डू, गोरखपुर आ अगल-बगल अपराध कइल छोड़के अतीक अहमद के गिरोह में सामिल हो गइल
मेनका टॉकिज में परवेज करवले रहे ब्लास्ट, गुड्डू के आइल रहे नाम
गोरखपुर में 90 के दशक में विजय चौक इस्थित मेनका टॉकिज में कुख्यात बदमाश परवेज टाडा बम ब्लास्ट करवले रहे। ओह घरी परवेज टांडा के आतंक चरम पs रहे आ गुड्डू ओकर सबसे करीबी रहे। बतावल जात बा कि एह घटना में परवेज खातिर बम गुड्डू मुस्लिम मुहैया करवले रहे। इहे ना, गुड्डू मुस्लिम परवेज के इशारा पs गोरखपुर आ आसपास के इलाकन में कइयन घटनन के अंजाम देले रहे।
परवेज के मौत गुड्डू के अतीक के नजदीक ले आइल
गोरखपुर से फरार अपराधी परवेज टांडा नेपाल में जाली नोटन के कारोबार से खूब पईसा कमवलस। ऊ नेपाल में चुनाव लड़े के तइयारी करत रहे। एही बीच 25 दिसंबर 2009 के नेपाल में परवेज के गोली मारके हत्या कs दिहल गइल। एकरा बाद परवेज के गैंग खत्म हो गइल। ओहिजा, ओकर करीबी गुड्डू मुस्लिम प्रयागराज के ओर आपन रुख कs लेलस। प्रयागराज में ऊ अतीक के संपर्क में आइल। गोरखपुर एसटीएफ एक बेर गुड्डू मुस्लिम के गिरफ्तार कइले रहे। तब अतीक पैरवी कs के ओकरा के बाहर निकाले में मदद कइले रहे।
जेल के बैरक नंबर-2 में रहल बा गुड्डू
जेल प्रशासन के मोताबिक, गुड्डू साल 2001 में गोरखपुर जेल के दु नंबर बैरक में बंद रहे। एह बैरक के कच्ची बैरक कहल जात बा। ओह समय परवेज टांडा के संगे गुड्डू मुस्लिम आ गोरखपुर के कइयन कुख्यात बदमाश इहां बंद रहे।
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