काल्हु माघ पूर्णिमा के महाकुंभ स्नान खातिर भारी भीड़ जुटल रहे। साथ ही कल्पवासी भी काल्ह नहा के पारण कईले। मौनी अमावस्या के अमृत स्नान कइला के बाद नागा साधू लोग आपन-आपन मंजिल के ओर चल गइल बा आ अब प्रयागराज में आयोजित ई महाकुंभ धीरे-धीरे अपना अंत के ओर बढ़ रहल बा। प्रशासन के मुताबिक माघ पूर्णिमा के रात 8 बजे ले कुल 2.04 लोग स्नान कईले। जबकि 12 फरवरी ले महाकुंभ में कुल 48.29 करोड़ लोग स्नान कईले। अइसना में लोग के मन में सवाल उठत रहल कि महाकुंभ 2025 कब खतम होई?
अगिला बड़का स्नान कब बा?
महा कुंभ 2025 के शुरुआत 13 जनवरी के पौष पूर्णिमा से भइल, आज से कल्पवासी लोग भी आपन कल्पवास शुरू कइल, जवन पिछला दिने माघ पूर्णिमा के स्नान के बाद समाप्त हो गइल। बता दीं कि एह महाकुंभ में दस लाख से अधिका कल्पवासी कल्पवास कइले बाड़न. साथही महाकुंभ के अगिला बड़का स्नान महाशिवरात्रि के पर्व पs हो रहल बा। एह दिन भी करोड़ों भक्तन के नहाए के उम्मीद बा।
महाकुंभ कब खतम होई?
13 जनवरी के पौष पूर्णिमा से शुरू भइल महाकुंभ के समापन 26 फरवरी के होखी. भगवान शिव आ माता पार्वती के बियाह एही दिन भइल बा। साथ ही ईशान संहिता के अनुसार एह दिन भगवान शिव निराकार रूप से साकार रूप लिहले रहले। रउआ आ हम एकरा के महाशिवरात्रि के नाव से जानत बानी। एह दिन देश भर के शिव मंदिरन में भक्तन के भीड़ लागी. संगही, महाकुंभ के बड़का स्नान खातीर संगम तट में करोड़ों लोग आई।
ई दिन बहुत शुभ मानल जाला। फाल्गुन महीना के कृष्ण पक्ष के चतुर्दशी तिथि 26 फरवरी के सबेरे 11.08 बजे से शुरू होई आ अगिला दिने सबेरे 08.54 बजे समाप्त होई। चूंकि भगवान शिव के पूजा प्रदोष काल में होखेला एहसे 26 फरवरी के सांझ के रात के 4 पहर भोलेनाथ के पूजा कईला से शुभ परिणाम मिलेला।