Gorakhpur: गीता प्रेस में फेर छपल श्रीकृष्णलीला दर्शन, 1938 में अंतिम बेर भइल रहे प्रकाशन

Minee Upadhyay
श्रीकृष्णालीला के वर्णन

Gorakhpur: गीता प्रेस 87 साल बाद पुस्तक श्रीकृष्णालीला दर्शन के दोबारा प्रकाशन करे जा रहल बा। ई किताब पहिला बेर 1938 में प्रकाशित भइल रहे। पहिला बेर गीता प्रेस कला पेपर पs सचित्र श्रीकृष्णालीला दर्शन पुस्तक प्रकाशित कइले बा। 3000 प्रकाशित पुस्तकन में से 50 गो नेपाल भी भेजल गइल बा।

भगवान श्री कृष्ण के बाल लीला श्रीकृष्णालीला दर्शन पुस्तक में प्रस्तुत कइल गइल बा। एह किताब के रचना संत प्रभुदत्त ब्रह्मचारी जी कइले बानी। गीता प्रेस एकरा के पहिला बेर 1938 में प्रकाशित कइले रहे। तब किताब के दाम 2.50 रुपया रहे। श्रीकृष्णालीला दर्शन के किताब के संपादन कला पत्र पs छपे खातिर कइल गइल।

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श्रीकृष्णालीला दर्शन के किताब अब छप के तइयार हो गइल बा. पहिला बेर लगभग 3000 प्रति प्रकाशित भइल। 50 गो किताब भी नेपाल भेजल गइल बा। 256 पन्ना के एह किताब में भगवान श्रीकृष्ण के सगरी लीला के विस्तार से वर्णन कइल गइल बा। भगवान श्रीकृष्ण के हर लीला के वर्णन चित्र के माध्यम से भी देखावल गइल बा।

पाठकन के मांग पs श्रीकृष्णलीला दर्शन के तीन हजार प्रति पहिला बेर प्रकाशित भइल बा. नेपाल में भी किताब भेजल गइल बा। एकरा के गीता प्रेस के अउरी शाखा में भी भेजल जा रहल बा। मांग बढ़ला पs एकर प्रति बढ़ावल जाई.

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