2 जुलाई 1923 के चौरी चौरा-कांड के एह क्रांतिकारियन के दिहल गईल फांसी
चौरी चौरा विद्रोह में फांसी के सजा सुनावल 19 सत्याग्रही के फांसी के तारीख के लेके बहुत भ्रम बा। सत्याग्रही लोग के सम्मान में बनल शहीद स्मारक प दिहल ब्यौरा चाहे राज्य सरकार के सूचना आ जनसंपर्क विभाग से प्रकाशित किताब, सत्याग्रही के फांसी के तारीख 2 जुलाई 1923 के दुनो जगह दर्ज बा। जबकि ए मामला से जुड़ल दस्तावेज में फांसी के दिन अलग बा। सभे सत्याग्रही के 2 जुलाई से 11 जुलाई 1923 के बीच अलग-अलग जिला के जेल में फांसी दिहल गईल।
99 साल पहिले एह लोग के फाँसी पर लटका दिहल गइल रहे
04 फरवरी 1922 के चौरी चौरा के सहदेव, लाल मुहम्मद, अब्दुल्लाह, नजरल्ली, संपत, सीताराम, दुधाई, महादेव, भगवान अहिर, रामलगन, विक्रम अहिर, रामरूप, लौतू, रुडली, रघुबीर, कालीचरण, मेघु तिवारी आ सहदेव समेत 19 गो क्रांतिकारी लोग के अलग-अलग जेल में फांसी प लटका दिहल गईल।
2 जुलाई के एह लोगन के देहल गइल रहे फाँसी
रघुबीर सुनार : दो जुलाई 1923 कानपुर कारागार
संपत अहीर : दो जुलाई 1923 इटावा कारागार,
श्याम सुंदर मिसिर : दो जुलाई 1923 इटावा कारागार
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