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योग: सूर्य नमस्कार पूरा शरीर खातिर फायदेमंद बा, पूरा शरीर के कसरत खातिर रोज अभ्यास करीं

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सूर्य नमस्कार कईसे कईल जाला : अगर आप आपन दिन के शुरुआत सूर्य नमस्कार से करीं त इ आपके शरीर आ दिमाग के स्वस्थ राखेला। आई जानल जाव सूर्य नमस्कार कइसे कइल जाला आ सूर्य नमस्कार से जुड़ल बहुते महत्वपूर्ण जानकारी ।

हालांकि हर तरह के योग आ आसन के अभ्यास हमनी खातीर फायदेमंद बा, लेकिन जदी आप सबेरे-सबेरे सूर्य नमस्कार करब त आपके कवनो प्रकार के कसरत के जरूरत ना पड़ी। असल में सूर्य नमस्कार अयीसन प्रथा ह, जवना के कईला से आपके शरीर के भीतरी आ बाहरी अंग मजबूत हो जाला आ खून के संचार भी बेहतर हो जाला। एकरा चलते शरीर में ऑक्सीजन के आपूर्ति ठीक रहेला। एकर नियमित अभ्यास से आप दिन भर ऊर्जा से भरल रहेनी आ फिट भी देखाई देवेनी।

अइसहीं शुरू करीं

सबसे पहिले सुखासन, अर्ध पद्मासन आ पद्मासन में कवनो मुद्रा में आपन चटाई पे बईठ के ध्यान के मुद्रा बनाईं। आपन आवे जाए वाला साँस पर ध्यान दीं आ ‘ॐ’ शब्द के उच्चारण करीं। रउआ सूर्य नमस्कार के मंत्र भी पढ़ सकेनी। एकरा बाद शरीर के हर अंग के गरम करे खातीर कुछ सूक्ष्‍मयाम करीं। विस्तार से जानी-

 

अइसने सूर्य नमस्कार करीं

इहाँ हम 24 स्टेप के सूर्य नमस्कार करब। बाईं गोड़ से 12 डेग आगे आ दाहिना गोड़ से 12 डेग आगे बढ़ के चक्र पूरा करीं। सूर्य नमस्कार एगो सशक्त अभ्यास ह। पीठ में दर्द होखे त आगे आ पीछे झुके के व्यायाम ना करीं। घुटना में दर्द होखे त अश्‍वसंचालनासन ना करे। डॉक्टर के सलाह के बाद ही करीं आ आपन क्षमता के मुताबिक करीं।

 

प्राणामासन

आपन चटाई पे सीधा खड़ा हो जाई । कमर, गर्दन के सीधा करत घरी दुनो हथेली के आगे निहन जोड़ल जाए। अंगूठा के गरदन के बराबर रख के, नमस्कार के मुद्रा बनाईं। ध्यान में उगत सूरज के लाली महसूस करीं। एगो लम्बा साँस लेके छोड़ दीं।

 

हस्तउत्तनासन

अब गहिरा साँस लेत दुनु हाथ आगे से उठा के माथा से ऊपर ले के तनिका पीछे झुके के कोशिश करीं। एह मुद्रा में तनी होल्ड करी।

 

पादहस्तासन

अब साँस छोड़त घरी पूरा तरह से आगे झुक जाईं. पैर के उंगली के हाथ से छूईं। कोशिश करीं कि एह मुद्रा में राउर माथा घुटना से जोड़ल जाव.

 

अश्व संचालनासन

 

अब गहिरा साँस लेत हथेली के फर्श पे राखीं आ एक गोड़ के पीछे के ओर लेत घरी घुटना के जमीन पे राखी। नजर आगे रख के कुछ देर तक पकड़ के रखे के चाहीं।

 

संतुलनासन या दंडासन

अब दुनु गोड़ के पीछे के ओर ले जाईं आ पूरा शरीर के वजन हाथ आ पैर के उंगली पे राखीं। एह दौरान गहिरा साँस लेत रहीं आ पकड़ के राखीं। इ व्यायाम आपके पेट के मांसपेशी खातीर बहुत फायदेमंद बा।

 

अष्टांग नमस्कार

अब धीरे से आपन हथेली, छाती, घुटना, थोरी के जमीन से छूईं आ शरीर के नाभि तक उठावे के कोशिश करीं। एही स्थिति में बनल रहीं।

 

पर्वतासन

अब पहाड़ के आकार बना के हथेली आ पैर के उंगली पे पूरा वजन रख के कूल्हा उठाईं। राउर नजर नीचे के ओर हो जाई। कंधा तान के रखे के चाहीं।

 

अश्‍वसंचालन

अब साँस लेत घरी उहे गोड़ के दुनो हाथ के बीच आगे ले आईं जवन पहिले के व्यायाम में ले आवल गईल रहे। आँख उठल रही आ दूसर गोड़ पीछे के ओर खिंचाइल रही। अब पादहस्तासन, हस्तउत्तनासन आ प्राणामासन करीं। रउरा एगो चक्र पूरा कर लिहले बानी। आपन क्षमता के हिसाब से अभ्यास दोहराईं।

 

 

 

 

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