सेंट्रल डेस्क। पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष के द्वादशी तिथि पs तुलसी विवाह कइल जाला, जवन मुख्य रूप से देवउठनी एकादशी के अगिला दिन होला। अइसन में जदि रउआ तुलसी विवाह अनुष्ठान में भाग लेत बानी, तs पूजा खातिर ई जरूरी सामग्री सामिल कइल मत भूलीं, जवना से राउर विवाह अनुष्ठान में कवनो तरे के बाधा ना आवे।
तुलसी विवाह के सामग्री (Tulsi Vivah Samgri list)
- तुलसी के पौधा, शालीग्राम जी आ भगवान विष्णु के मूर्ति आ तस्वीर
- लाल रंग के कोरा कपड़ा, कलश, पूजा के चौकी
- सुगाह के सामग्री जइसे- बिछुआ, सेनूर, मेहंदी, बिंदी, चुनरी आ काजल आदि
- मौसमी फल आ सब्जी जइसे मूली, सिंघाड़ा, आंवला, बेर आ अमरुद आदि
- केला के पत्ता, हल्दी कीशs गांठ
- नारियल, कपूर, धूप, दीप, चंदन
एह तरे करीं पूजन के तइयारी
सबसे पहिले तुलसी विवाह अनुष्ठान खातिर केला के पत्ता आ गन्ना से मंडप तइयार करीं। रंगोली बना के पूजा स्थल के सजाईं आ एह स्थान पs तुलसी के पौधा, शालीग्राम आ भगवान विष्णु के मूर्ति आउर तस्वीर स्थापित करीं आ विवाह अनुष्ठान सुरू करीं। पूजा में मां तुलसी के सुहाग के सामग्री चढ़ाईं। एकरा बाद पूजा में गन्ना, केला, सिंघाड़ा आ मूली आदि अर्पित करीं। घी के 11 दीया जराईं आ भजन करीं। अंत में आरती कs के सबके प्रसाद बांटीं।
जरूर करीं ई काम
तुलसी बियाह के दिन भगवान विष्णु के भोग में तुलसी दल जरूर सामिल करीं, काहेकि एकरा बिना प्रभु श्रीहरि के भोग अधूरा मानल गइल बा। अइसन कइला से साधक के भगवान विष्णु के आशीर्वाद प्राप्त होला। तुलसी विवाह के दिन सूर्यास्त के बाद तुलसी के सोझाा घी के दीया जरूर जलाईं आ 7 भा 11 बेर तुलसी के परिक्रमा करीं। अइसन कइला से साधक के शुभ फल के प्राप्ति होला आ घर-परिवार में सुख-समृद्धि के माहौल बनल रहेला।
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