खबर भोजपुरी रउरा लोग के सोझा एगो नया सेगमेंट लेके आइल बा , जवना में रउरा के पढ़े के मिली फिलम इंडस्ट्री से जुड़ल रोचक कहानी आ खिसा जवन बितsल जमाना के रही।
आजू पढ़ी अइसन गायक, संगीतकार, अभिनेता, निर्माता, लेखक जेकरी अंदर हमनी के सब देखे के मिलल।
किशोर कुमार बिना कवनो संगीत के प्रशिक्षण के फिल्म संगीत जगत में उs आपन जगह बनवले। किशोर कुमार आजुओ उनके मधुर आवाज में गावल गीत के माध्यम से हमनी के आसपास मौजूद बाड़े। पुरान के साथे नया पीढ़ी भी इनकरी आवाज के दीवाना बिया। किशोर जेतना बढ़िया कलाकार रहले ओतने रोचक इंसान रहले। कहल जाला केहु के पता ना रहे कि उs कब अवुरी का कs देत रहले। उनकर कई गो कहानी बॉलीवुड में लोकप्रिय बा। आजु खबर भोजपुरी के माध्यम से आईं किशोर कुमार के बारे में कुछ खास बात याद कइल जाव।
•किशोर कुमार में आपन चटपटा अंदाज में अटपटा बात कहे के हुनर रहे। खास कs के ऊ दाहिने से बाईं ओर गीतन के लाइन गावे के कला में महारत हासिल कइले रहले। जब उनकर नाम पूछल जाए तs ऊ कहत रहले – रशोकि रमाकु।
•हिंदी सिनेमा के तीन हीरो के सुपरहीरो के दर्जा देवे में किशोर कुमार के अहम भूमिका रहल बा। आवाज के जादू के चलते देव आनंद के सदाबहार नायक कहल जात रहे। राजेश खन्ना के सुपर स्टार कहे लागल आ अमिताभ बच्चन मेगास्टार बन गइलन।
•बारह बरिस के उमिर ले किशोर गीत संगीत में महारत हासिल कs लिहले। रेडियो पs गीत सुनत रहले आ ओह लोग के धुन पs नाचत रहले। फिल्मी गीतन के किताब बटोर के रट के गावत रहले। जब ऊ आपन घरे आवे वाला मेहमानन के अपना अभिनय के साथे गीत गावत रहले तs ‘मनोरंजन कर’ के रूप में कुछ इनाम भी मांगत रहले।
•एक दिन संगीतकार सचिन देव बर्मन अचानक अशोक कुमार के घरे पहुंचले। बइठे वाला कमरा में गावे के आवाज सुन के दादा मुनि से पूछले कि के गावत बा? अशोक कुमार जवाब देले- ‘उ हमार छोट भाई हवे।’ जबले ऊ कवनो गीत ना गावे तबले उनकर नहाइल पूरा ना होला। बाद में सचिन-दा किशोर कुमार के जीनियस गायक बना दिहले।
•फिल्म ‘रागिनी’ में मोहम्मद रफी पहिला बेर किशोर कुमार के आपन आवाज उधार दिहलन। गीत बा- ‘मन मोरा बावरा।’ शंकर-जयकिशन फिलिम ‘शरारत’ – ‘अजब है दास्ताँ तेरी ये जिंदगी’ में किशोर खातिर रफी के गावे के काम भी करवले रहले। एकरा अलावे रफी किशोर खातिर कुछ गीत भी गवले।
•फिल्म ‘प्यार किया जा’ में हास्य अभिनेता ‘महमूद’ किशोर कुमार, शशि कपूर आ ओमप्रकाश से अधिका पइसा ले लिहले रहले रहले। किशोर एs बात से चौंक गईले। एकर बदला उs फिल्म ‘पड़ोसन’ में महमूद से दुगुना पईसा लेले।
•किशोर कुमार जब भी स्टेज शो करत रहले तs हमेशा हाथ जोड़ के पहिले संबोधित करत रहले – ‘हमार दादा-दादी लो।’ हमार नाना नानी लो। हमार भाई-बहिन, खण्डवा के किशोर कुमार रउरा सभे के राम राम कहत बाड़े । नमस्कार।
•दूसरकी पत्नी मधुबाला से बियाह कईला के बाद किशोर मजाक में कहले रहले कि – ‘हम चाहतानी कि एक दर्जन बच्चा पैदा होखे अवुरी ओ लोग के संगे खंडवा के सड़क पs घूमब।’
•किशोर कुमार के बचपन खंडवा में बीतल, लेकिन किशोरावस्था में जब इंदौर के क्रिश्चियन कॉलेज में पढ़े अईले। हर सोमार के सबेरे खंडवा से मीटरगेज छुक-छुक रेलगाड़ी में इंदौर आके शनिचर के सांझ के लवटत रहले। यात्रा के दौरान उs हर स्टेशन पs कोच बदलत रहले अवुरी नाया गाना गा के यात्री के मनोरंजन करत रहले।
•किशोर कुमार जिनगी भर एगो कस्बाई चरित्र के किरदार बनल रहलें। मुंबई के भीड़, पार्टी अवुरी ग्लैमर में उs कबहूँ ना जुड़ पवले। एह से उनकर आखिरी इच्छा रहे कि उनकर अंतिम संस्कार खंडवा में होखे। ईs इच्छा इनकर पूरा भइल, ऊs कहत रहले – ‘फिलिम से रिटायर भइला के बाद खंडवा में बस के रोज दूध-जलेबी खाइब। ”
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