हिन्दू धर्म में सीता नवमी के अपार महत्व बा। एकरा के सीता नवमी भा जानकी नवमी के नाम से जानल जाला। एह दिन के धरती पऽ माई सीता के अवतार के तिथि मानल जाला।
वैशाख महीना के शुक्ल पक्ष के नौवां दिन माई सीता के जयंती मनावल जाला। एकरा के सीता नवमी भा जानकी नवमी के नाम से जानल जाला। एह दिन के धरती पऽ माई सीता के अवतार के तिथि मानल जाला। एह साल सीता नवमी भा जानकी नवमी 16 मई के मनावल जाई । आईं सीता नवमी के पूजन के तिथि, शुभ समय आ विधि जानीं।
सीता नवमी कब बा? सीता नवमी तिथि का बा
पंचांग के मुताबिक, ए साल वैशाख महीना के शुक्ल पक्ष के नवमी तिथि 16 मई गुरुवार के सबेरे 6:22 बजे से शुरू होई आ 17 मई शुक्रवार के सबेरे 8:48 बजे तक चली। उदयतीथी के मुताबिक सीता नवमी चाहे जानकी नवमी 16 मई के मनावल जाई। एह दिन श्रद्धालु लोग व्रत के पालन करी आ विधिवत माई सीता के पूजा करी। सीता नवमी के पूजा के शुभ समय 16 मई के सबेरे 11:04 बजे से दुपहरिया 1:43 बजे तक बा। एह शुभ समय में भक्त माई सीता के पूजा कर सकेलें।
सीता नवमी के पूजा विधि
सीता नवमी के दिन विधिवत माँ सीता के पूजा कइला से भक्तन पर माई सीता के अपार आशीर्वाद मिलेला। सीता नवमी के पूजा खातिर व्रत के दिन सबेरे सबेरे उठ के स्नान आदि करे के चाहीं, तन-मन के शुद्ध कर के व्रत करे के संकल्प लेबे के चाहीं। पूजा मंच पर लाल रंग के कपड़ा पसार के भगवान राम, लक्ष्मण आ हनुमान जी के साथे माई सीता के तस्वीर लगाईं। राम दरबार के तस्वीर के गंगा पानी से अभिषेक करीं आ कुमकुम रोली आ अक्षत से तिलक लगाईं। पीयर फूल के माला सब देवी-देवता के चढ़ा के देसी घी से दीप जरा के। फल, फूल, रोली अक्षत चढ़ा के मखाना खीर चढ़ाईं। सीता नवमी के दिन रामायण के पाठ बहुत शुभ मानल जाला। आज के दिन भजन कीर्तन के आयोजन क के राम मंदिर में जाके भगवान श्री राम आ माता जानकी के दर्शन करीं।
सीता नवमी के राम नवमी जइसन पवित्र आ शुभ मानल जाला। एह दिन भगवान श्री राम आ माई सीता के विधिवत पूजा होखे के चाहीं। एह से वैवाहिक जीवन सुखद होला आ बड़ दान के बराबर गुण मिलेला।
(Disclaimer : इहाँ दिहल जानकारी सामान्य मान्यता आ जानकारी पर आधारित बा। एनडीटीवी एकर पुष्टि नइखे करत।)
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