कविता गजल : जिनगी भर बस ईहे काम कइलन स (मनोज भावुक) Nov 3, 2024 ऊ नामी आदमिन के साजिशन बदनाम कइलन स एही तिकड़म से सारे खूब नू चर्चा में अइलन स। केहू पूछल ना ओकनी के त एगो काम कइलन स खुदे संस्था…
कविता अपना से अपनही के समझावल कला हऽ- अवनीश त्रिपाठी Aug 31, 2024 जज्बात के शब्दन में देखावल कला ह। अपना से अपनही के समझावल कला ह।। रुसे के त बिना बात रिसिया जाला लोग। खिसियाइल के जल्दी मनावल कला…