कविता घर छोड़ला के बाद (कविता) मैकश के कलम से May 1, 2022 हमरा घर छोड़ला के बाद घर, घर ना किराया के मकान लागेला एगो लइकि बिया जवन ताकत रहेले एक भोरे से एगो औरत बाड़ी जेकर जिनगी में बा इंतजारे लिखल मन…
कविता जे मन मे बा तs प्यार करs (कविता) मैकश के कलम से … Feb 17, 2022 जे मन में बा तs प्यार करs भा सीधा तू इनकार करs
कविता बाबूजी (कविता)- मैकश के कलम से Feb 14, 2022 बात बात प भले, रूस खिसिया जालन बाबूजी बाकी दुख मे जब रहिले त,याद आ जालन बाबूजी केहु देहाती केहु कहे ,पढ़े मे जीरो हवन बाबूजी जे भी बारन हमरा…