नई दिल्ली। वरिष्ठ कांग्रेस नेता आ पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल के आज भोरे महाराष्ट्र के लातूर में निधन हो गइल। ऊ 90 बरिस के रहलें। भोर के करीब 6:30 बजे ऊ अपना घर पs अंतिम सांस लेलें। शिवराज पाटिल बहुत दिन से बेमार चलत रहलें, जवना चलते उनकर घरे में इलाज चलत रहे। उनकर पूरा नाम शिवराज पाटिल चाकुरकर रहे। ऊ लोकसभा के सभापति आ कइयन गो केंद्रीय मंत्रालय के जिम्मेदारी निभवले रहस।
उनकर अंतिम संस्कार सनिचर के होखे के उमेद बा। परिवार में बेटा शैलेश पाटिल, बहू अर्चना- जिनका के पिछिला साल लातूर शहर से कांग्रेस के अमित देशमुख के खिलाफ BJP चुनाव लड़वले रहे आ उनकर दुगो पोता-पोती सामिल बा लोग।
2008 मुंबई हमला के समय गृह मंत्री रहलें शिवराज पाटिल
शिवराज पाटिल अपना राजनीतिक जीवन में कइयन गो अहम पद के जिम्मेदारी निभवले। महाराष्ट्र के मराठवाड़ा इलाका के लातूर से ऊ सांसद बनल रहलें। 1973 से 1980 तक ऊ लातूर ग्रामीण सीट से विधायक रहलें। बाद में 1980 से लगातार सात बेर लातूर लोकसभा सीट जीते के रिकॉर्ड बनवले रहस।
साल 2008 में जब मुंबई आतंकी हमला भइल रहे, ओह समय शिवराज पाटिल देस के गृह मंत्री रहलें।
आलोचना के बाद दे देले रहस इस्तीफा
मुंबई हमला में सुरक्षा चूक के कारण उनकर भारी आलोचना भइल, जवना के कारण ऊ अपना पद से इस्तीफा दे देलें। पाटिल हमला रोक सकला में आपन नाकामी स्वीकार कइलें आ नैतिक जिम्मेदारी लेत गृह मंत्री पद छोड़ देलें। उनका निधन पs कांग्रेस पार्टी आ समर्थक लोग गहिराह संवेदना व्यक्त कइले बा।
लातूर में जुटल भीड़
जइसही उनका निधन के खबर बाहर आइल, लातूर इस्थित उनकर निवास ‘देवघर’ पs पार्टी कार्यकर्ता आ समर्थक लोग जुटे लागल।
कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत के बयान
कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत गहिराह शोक जतावत कहलें, “भगवान दुखी परिवार के हिम्मत देस। शिवराज पाटिल बहुते अनुशासित नेता रहस। उनकर बेवहार आ अनुशासन के बहुते लोग सराहल।”
शिवराज पाटिल के जीवन परिचय
- जन्म: महाराष्ट्र के लातूर जिला
- 1973–1980: महाराष्ट्र विधानसभा में विधायक
- 1980–1999: लगातार सात बेर लातूर लोकसभा सीट से जीत
- इंदिरा गांधी सरकार में रक्षा मंत्री
- राजीव गांधी सरकार में नागर विमानन मंत्री
- लोकसभा स्पीकर रहते संसद में आधुनिक तकनीक सुरू करावे के श्रेय
- 2008 मुंबई हमला के बाद 2010–2015: पंजाब के राज्यपाल आ चंडीगढ़ के प्रशासक रहलें






