नई दिल्ली। जब खाना बनावे के बात आवे ला, तs आयुर्वेद के नियम बहुते साफ बा- प्राकृतिक चीजन के इस्तेमाल कइल जावs। आयुर्वेद मानेला कि सही बर्तन में बनल खाना “जीवंत” रहेला आ ओह के पचावलो आसान होला। एकरा से अगिला बेर जब रसोई में जाईं, तs खाली खाना के सामग्री ना, बर्तनो पs ध्यान दीं। हेल्थ एक्सपर्ट डिंपल जांगड़ा बतवली कि कुछ खास बर्तन अइसन बा, जवन आयुर्वेद आ विज्ञान दुनो के नजर में रसोई के “वीआईपी” मानल जाला।
माटी के बर्तन
माटी के बर्तन में खाना धीरे-धीरे पकावल जाला। धीमा आंच पs पाकल खाना स्वाद में बढ़िया होखेला आ ओकरा में मौजूद पोषक तत्व सुरक्षित रहेला। एकरा से खाना जादे गुणकारी बन जाला।
लोहा के बर्तन
कास्ट आयरन भा लोहा के बर्तन में पकावल खाना देह में आयरन के मात्रा बढ़ावेला। ई खून बनावे आ पाचन तंत्र मजबूत करे में बहुत फायदेमंद होला।
तांबा के बर्तन
तांबा के बर्तन सही तरीका से इस्तेमाल कइल जावs, तs ई पानी के सुद्ध करे में मदद करेला। संगे-संगे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ावे में तांबा कारगर मानल जाला।
स्टेनलेस स्टील
स्टेनलेस स्टील मजबूत, टिकाऊ आ सुरक्षित बर्तन हs। ई पेट भा आंत पर कवनो बुरा असर ना डालेला, एकरा से रोजमर्रा के इस्तेमाल खातिर बढ़िया विकल्प मानल जाला।
नॉन-स्टिक पैन के कहीं अलविदा
ए घरी जादे इस्तेमाल होखे वाला नॉन-स्टिक पैन से रसायन निकल सकेला, जवन खाना में मिल जाला। ई केमिकल सेहत खातिर नुकसानदायक हो सकेला। एकरा से एक्सपर्ट सलाह देले बा लोग कि नॉन-स्टिक बर्तन छोड़े के समय आ पारंपरिक बर्तन अपनावे के चाहीं।
विज्ञान का कहेला?
विज्ञानो एह बात के समर्थन करेला। प्राकृतिक बर्तन खाना के एक संगे गर्म करेला आ पोषक तत्वन के नष्ट होखे से बचावेला। एह बर्तन में बनल खाना में हानिकारक तत्व ना मिलेला, जवना से खाना स्वादिष्ट आ हेल्दी बन जाला। नतीजा ई होखेला कि पाचन बेहतर हो जाला आ शरीर के संतुलन बनल रहेला।
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