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बाल धोवे के दिन : सप्ताह के ए दिन बाल धोवल सबसे शुभ होखेला, अमीर बने के संगे-संगे सुंदरता बढ़ेला!

हिन्दू धर्म में बाल धोवे के सबसे बढ़िया दिन : बाल धोवे, बाल-नाखून कटवावे खातिर भी शुभ आ अशुभ दिन के जिक्र हिन्दू धर्म में भी बा। अगर हफ्ता के कुछ खास दिन में बाल धोवल जाला त सुंदरता भी बढ़ेला अउरी घर में समृद्धि होला।

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बाल धोवे के दिन : सप्ताह के ए दिन बाल धोवल सबसे शुभ होखेला, अमीर बने के संगे-संगे सुंदरता बढ़ेला!

हिन्दू धर्म में बाल धोवे के सबसे बढ़िया दिन : बाल धोवे, बाल-नाखून कटवावे खातिर भी शुभ आ अशुभ दिन के जिक्र हिन्दू धर्म में भी बा। अगर हफ्ता के कुछ खास दिन में बाल धोवल जाला त सुंदरता भी बढ़ेला अउरी घर में समृद्धि होला।

सबसे शुभ दिन जब बाल धोवे के चाहीं : हिन्दू धर्म में बाल धोवे खातिर शुभ आ अशुभ दिन के जिक्र कइल गइल बा। एकरा में भी महिला के मामला में अलग-अलग नियम बा। माने कि बाल धोवे के शुभ दिन अविवाहित लइकी आ बियाहल मेहरारू खातिर अलगा से बतावल गइल बा। धर्म आ ज्योतिष में बतावल नियम के अनुसार बाल धोवल जाव त आदमी के सुंदरता बढ़ जाला। एकरा संगे-संगे घर में धन-दौलत भी बढ़ेला। दूसर ओर गलत दिन चाहे अशुभ दिन बाल धोवे से जीवन में नकारात्मकता बढ़ जाला। बताईं कि कवना दिन बाल धोवे के असर जीवन पे पड़ेला।

सप्ताह के कवना दिन बाल धोवे के का असर होखेला?

सोमवार : धार्मिक शास्त्र के मुताबिक बियाहल महिला के सोमवार के बाल ना धोवे के चाही। परिवार के प्रगति में बाधा बा। दूसर ओर अविवाहित लईकी ए दिन बाल धो सकेली।

मंगलवार – बियाहल महिला के मंगलवार के भी माथा ना धोवे के चाही। एह दिन बाल धोवे से घर में नकारात्मकता बढ़ जाला। अविवाहित लईकी के भी मंगलवार के बाल ना धोवे के चाही।

बुधवार – बियाहल महिला अउरी अविवाहित लईकी चाहे पुरुष बुधवार के सभ बाल धो सकतारे। एह से घर में धन आ समृद्धि बढ़ेला। बिजनेस बढ़ेला।

गुरुवार- गुरुवार के केहु के बाल ना धोवे के चाही। एह दिन बाल धोवे से उमिर कम हो जाला, आर्थिक संकट के सामना करे के पड़ेला। पईसा के नुकसान के संभावना बा।

शुक्रवार – शुक्रवार के बाल धोवल सबसे शुभ होखेला। माई लक्ष्मी आ शुक्र देव दुनु एह दिन बाल धोवे में मेहरबान होलें। मूल निवासी के ढेर पईसा मिलेला। एतने ना, शुक्रवार के बाल धोवे से सुंदरता बढ़ जाला।

शनिवार – शनिवार के बाल ना धोवे के चाही। खास तौर प बियाहल महिला के शनिवार के कबहूँ बाल ना धोवे के चाही। एह से शनि देव के खिसिया जालन।

रविवार – रविवार के छुट्टी होखला के चलते अधिकांश लोग शैम्पू करेले, लेकिन बियाहल महिला के ए दिन बाल धोवे से परहेज करे के चाही।

एकरा अलावे बियाहल महिला के अमावस्या पूर्णिमा अउरी एकादशी के दिन भी बाल ना धोवे के चाही। दूसर ओर गुरुवार के मरद-मेहरारू चाहे हर उम्र के बच्चा के बाल ना धोवे के चाही।

(अस्वीकरण: इहाँ दिहल जानकारी सामान्य मान्यता आ जानकारी पर आधारित बा। खबर भोजपुरी एकर पुष्टि नइखे करत।)

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