Fish Market: गोरखपुर में 50 करोड़ के लागत से बनी, वातानुकूलित मछली बाजार, पांच एकड़ जमीन में होइ निर्माण

Minee Upadhyay

 

मछरी बेचे वाला लोग खातिर एगो खुशखबरी बा। शहर में राप्ती नदी के किनारे वातानुकूलित मछरी बाजार बनावे जा रहल बा जवना में 50 करोड़ रुपिया के लागत से काम कइल जा रहल बा। पांच एकड़ में एकर निर्माण होई। मत्स्य विभाग के अधिकारी जमीन के तलाश में बाड़े। एक हफ्ता में जमीन पs निशान लगावे के उम्मेद बा। एह बाजार के खुलला से मछरी के थोक आ खुदरा व्यापारियन के बहुते फायदा होखी. वातानुकूलित बाजार के चलते इनकर मछरी भी जल्दी खराब ना होई। वर्तमान में ई बाजार शहर के अलग-अलग चौराहा पs खुदरा रूप में आ महेवा में स्थित मंडी में थोक रूप में होला। पालक के आमदनी बढ़ावे खातिर सरकार बहुते योजना चलावत बिया।

ई फैसला मत्स्य पालन के बढ़ावा देबे खातिर लिहल गइल बा

एह क्रम में मछरी पालन के बढ़ावा देवे अवुरी मछरी व्यापारी के बेहतर सुविधा देवे के मंशा से गोरखपुर में राप्ती नदी के किनारे पांच एकड़ के मछरी बाजार बनावे के फैसला भईल बा। तीन मंजिला मछरी बाजार पूरा तरीका से वातानुकूलित होई। एहमें मछरी पालन आ व्यापार से जुड़ल सगरी सुविधा मछरी पालक आ मछरी व्यापारियन के एके छत के नीचे दिहल जाई ।मत्स्य विभाग के अधिकारी के मुताबिक, बाजार के निर्माण के संगे, जहां लोग के मछरी के कारोबार में रोजगार मिली, एक ओर मछरी पालक के आमदनी में भी बढ़ोतरी होई। विभाग के ओर से ए जमीन पs दु से तीन जगह पs निशान लगावल गईल बा।

एहमें 100 से अधिका दोकान होखी

विभाग के मुताबिक पूर्वांचल में मछरी के कारोबार एक साल में 200 करोड़ रुपया से जादे बा। एकरा अलावे थोक अवुरी खुदरा खाती 100 से जादे दोकान बनावल जाई, जवन कि मछरी से जुड़ल मछरी पालक अवुरी व्यापारी के दिहल जाई।

अफसर लोग का कहत बा

मत्स्य विकास अधिकारी राहुल चौरसिया 50 करोड़ रुपया के लागत से पांच एकड़ में वातानुकूलित मछली बाजार बनावे के प्रस्ताव बा बतवले। एकरा खातिर जमीन के तलाशी लिहल जाता। जल्दिए निशान लगावे के होई। एकरा बाद आगे के कार्यवाही शुरू हो जाई। एह बाजार के खुलला से गोरखपुर के मछरी बाजार अलगा हो जाई, जहवाँ पास के जिला के व्यापारी भी आपन धंधा कर सकेलें।

 

 

 

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