कोरोना के बाप निकलल बेमारी, कांप उठल पूरा दुनिया, WHO घोषित कइलस हेल्थ इमरजेंसी, इ 5 लक्षण मचा रहल तबाही
चेचक वायरस मुख्य रूप से मनुष्य आ जानवर सभ के प्रभावित करे ला। ई चेचक वायरस परिवार से संबंधित बा, बाकिर एकर लच्छन हल्का होला जइसे कि बोखार, ठंढा आ शरीर में दर्द। हालांकि कुछ मामला में इ जानलेवा साबित हो सकऽता। सीडीसी के मोताबिक, ए वायरस से अइसन लक्षण होखेला जवन कि मात्र ‘दु से चार सप्ताह’ तक रहेला। इ एगो जानलेवा बेमारी हऽ।
ई वायरस टूटल त्वचा भा श्वसन तंत्र के माध्यम से शरीर में प्रवेश करेला। एकरे बाद ई खून के माध्यम से फइल जाला जेकरा चलते आदमी में फ्लू नियर लच्छन देखे के मिले ला आ त्वचा पर घाव पैदा हो जाला। आईं जानीं कि मंकी पॉक्स का हऽ, केतना खतरनाक बा, कइसे फइलत बा आ एकरा से बचे के कवन तरीका बा।
मंकीपॉक्स का हऽ आ कइले फइलेला?
ई वायरस कवनो संक्रमित व्यक्ति भा जानवर के निकट संपर्क से फइल जाला। मनुष्य में ई त्वचा के घाव के संपर्क में आवे से, त्वचा से त्वचा के संपर्क में आवे से, आ संक्रमित ब्यक्ति के बहुत नजदीक से बात करे भा साँस लेवे से फइल सके ला। ई दूषित चीज जइसे कि सतह, बिछौना, कपड़ा आ तौलिया के माध्यम से भी फइल सकेला, काहें से कि ई वायरस टूटल त्वचा, श्वसन तंत्र के माध्यम से या आँख, नाक आ मुंह के माध्यम से शरीर में प्रवेश करेला।
जानवर से इंसानन में फइल सकऽता
एकर फइले के तरीका त्वचा से त्वचा के संपर्क से होला काहें से कि ई वायरस त्वचा के घाव सभ पs लगभग तीन हप्ता ले पता लगावे लायक रहे ला, आ श्वसन तंत्र के माध्यम से ना काहें से कि ज्यादातर लोग में ई वायरस गला से सात से दस दिन ले साफ हो जाला बा। मनुष्य से जानवर में संक्रमण खातिर ई वायरस आमतौर पर संक्रमित जानवर के काटला, खरोंच भा घाव से संपर्क के माध्यम से शरीर में प्रवेश करे ला।
मंकीपॉक्स कितना घातक?
एह बेमारी से फ्लू नियन लक्षण आ मवाद से भरल घाव होखेला। आमतौर प इ हल्का होखेला बाकिर जानलेवा हो सकऽता। ज्यादातर लोग के “अपेक्षाकृत हल्का बेमारी” होला, जहाँ बोखार, मांसपेशियन में दर्द आ “पाँच से 25 घाव” वाला दाना हो सकेला। ‘कुछ लोग बहुत बेमार हो जाले अउरी पूरा शरीर में सैकड़न घाव के संगे आउर गंभीर बेमारी हो सकऽता।’
कवना लोग के बा ज्यादा खतरा
मार्क्स कहले कि इ बेमारी अधिकांश लोग में हल्का लक्षण के संगे आवेले, बाकिर कुछ लोग के गंभीर लक्षण देखे के खतरा जादे होखेला। “उदाहरण खातिर, बिना इलाज के एचआईवी (यौन संचारित बेमारी) वाला लोग भा कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाला लोग में अबहियो गंभीर बेमारी के खतरा जादा होखेला।
मंकीपॉक्स के इलाज
मार्क्स कहले कि फिलहाल चेचक के कवनो इलाज नइखे बाकिर कुछ एंटीवायरल दवाई के जांच कइल जाता। उऽ कहले कि, हालांकि टीकाकरण बा, जवन कि जोखिम के कम करे में कारगर बा।
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