कविता मनहरण घनाक्षरी (कविता)- गणेश नाथ तिवारी विनायक जी के कलम से Feb 27, 2022 मनहरण घनाक्षरी फगुनी बयार झरे ,लोगवा गुहार करे। धनि मनुहार करे,बाति मोरा मान ली।। बानीं परदेस रवा,चलि आई देस रवा। तनिको ना देर करी,मनवा में ठान…
कविता गणेश नाथ तिवारी ‘विनायक’ के कलम से Feb 23, 2022 भारत में अइसन, विश्वविद्यालय बा पढ़ावे के जातिये जजाति हो गइल बा, नेता उपजावे के चुनाव नियराते,व्यंग कसsता लोग खूब जातिये में,बाँटे…
कविता एह फ़ाग में पिया तोहर नऊवे एक रंग बा (होली कविता)- नेहा नूपुर के कलम से Feb 19, 2022 एह फ़ाग में पिया तोहर नऊवे एक रंग बा इहे बा गुलाल मोरा, इहे मोर भंग बा आके तू हमके गरबा लगाव खेत खलिहान दुअरवा देखाव नौलक्खा ना दसलखा सइयां…
कविता भोजपुरी लिखे के सीखीं (कविता/गज़ल गीत) : शशि रंजन मिश्र के कलम से Feb 18, 2022 भइया हो! भोजपुरी लिखs हिंदी काहे हिनहिनावत बाड़s? भासा भाव के भेव बुझs गाय भईंस के सिंघ काहे मिलावत बाड़s बोललका लिखलका में भेव काहे…
कविता जे मन मे बा तs प्यार करs (कविता) मैकश के कलम से … Feb 17, 2022 जे मन में बा तs प्यार करs भा सीधा तू इनकार करs
कविता बाबूजी (कविता)- मैकश के कलम से Feb 14, 2022 बात बात प भले, रूस खिसिया जालन बाबूजी बाकी दुख मे जब रहिले त,याद आ जालन बाबूजी केहु देहाती केहु कहे ,पढ़े मे जीरो हवन बाबूजी जे भी बारन हमरा…
कविता राम बियाह के गीत- कुमार आशु के कलम से Feb 14, 2022 "ए बबुआ, अब रउरे अगोरा बा..! अब जनि देर करीं अइले में धरि धरि गोड़ निहोरा बा..!! सांवर गोरहर दुलहा देखिके सुध बुध सगरि भुलाइल हो, बाबा के सौ बार…
कविता कुमार आशु के नेह के गीत Feb 9, 2022 अखियां देखे खातिर तरसे.. दिन भर याद में तहरा बरसे.. हरदम रहत बाटें तहरे ही खुमार सजनी..! जबसे भइल बाटें हमके तहसे प्यार सजनी..!! सुतत जागत हर पल…
कविता निरगुन भक्ति धारा के पहिल संतकवि कबीरदास Jun 24, 2021 'संत कबीर के सगुनोपासना' - डॉ. जयकान्त सिंह 'जय' संत कबीरदास के बारे ई आम राय बा कि ऊ उत्तर भारत में निरगुन भक्ति धारा के पहिल संतकवि हवें। बाकिर…