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आस्था के नाव पs गोरखधंधा, खुलहा में मीट के दोकान जायज कि नजायज

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गोरखपुर से लगभग 20 किलोमीटर दूर देवीपुर गांव में तरकुलहा देवी मंदिर पूर्वांचल के आस्था के एगो प्रसिद्ध केंद्र ह। एगो समय ई घन जंगल रहल, ई इलाका अब माई के आशीर्वाद से पूरा तरह से आबाद हो गइल बा. इहाँ हजारों लोग आपन मनउती पूरा कईला के बाद मीट के प्रसाद के रूप में लेवेले। तरकुलहा माई के ई दरबार अब हर साल आवे वाला हजारो लाख श्रद्धालु लोग खातिर ई आस्था के तीरथ बन गइल बा. तरकुल के पेड़ के नीचे विराजल माता के भव्य मंदिर सबके मनोकामना पूरा कर रहल बा। हर साल  लाखो भक्त माई के आशीर्वाद लेवे आवेलें| सबसे ढेर भीड़ नवरात्रि में होला जेमे रोज हजारों लोग आशीर्वाद लेवे अउरी मनउती पूजावे आवेले।

खस्सी के मीट के प्रसाद के रूप में लिहल जाला

तरकुलहा देवी मंदिर में खस्सी चढ़ावे के परंपरा बा। लोग एहिजा मनउती माँगे आवेला आ ओकरा पूरा भइला का बाद एहिजा खस्सी के बलि दिहल जाला. ओकरा बाद ओहिजा माटी के घड़ा में बना के प्रसाद के रूप लेहल जाला। मनउती पूरा होखला पर दूर-दूर से लोग एहिजा प्रसाद चढ़ावे आवेला.

खुलहे में बाटे मीट के दोकान

तरकुलहा देवी मंदिर में सबसे बड समस्या ई बा कि ओहिजा सगरी मीट के दोकान खुलहे में बा| जेकरे चलते खस्सी के मीट, ओकर हड्डी, ओकर मज़्जा सब लउकला। अब मंदिर के आवे वाला लोग में से बहुते लोग शाकाहारी बा जेके ई सब देखले के बाद बहुते दिक्कत होखें लागsला।

शाकाहारी लोग के होला दिक्कत

खुलहा में मीट के दोकान रहला के वजह से खस्सी के कटाइल आ ओकर खून, हाड़-मासु सब सोझे लउकला जेसे कई लोग बहुते परशान हो जाला| कुछ लोग के त उल्टियों होखले अउरी चक्कर अइले के शिकायत होखे लागsला। हालांकि खस्सी चढावल आस्था के प्रतीक के रूप में देखल जाला जेकरा चलते केहूँ कुछ कहs ला नाइ लेकिन अब एकर दुसरको रूप सोझे आ रहल बा।
आस्था के नाम पs चले वाला एह परंपरा के लोग अब धंधा बना लेहले बा जेकरे चलते बहुत लोग के समस्या के सामना करे के पड़ेला।

प्रशासन के करे के चाहीं एह पs कारवाही

प्रशासन के चाहीं कि एह बात पs ध्यान देके उचित कारवाही करे के चाहीं| सबसे पहिला बात त ई कि का एह तरे खुलहा में मीट बेचल सही बा?

का एह बात के जिम्मेदारी प्रशासन के नाइ लेवे के चाहीं कि लोग के भावना के ध्यान में रखल जाव| का आस्था के नाव पs ई गंदगी फइलावल सही बा?

प्रशासन के चाहीं कि ऊ अइसन कानून बनावे जेसे ई धंधेबाजी बंद होखे अउरी अगर मीट बिकइबो करे त कम से कम ढ़ाक के आ लुकवा के बेचल जाव ताकि आवे वाला शाकाहारी भक्तन के एसे कौनो तरे के दिक्कत नाइ होखे|

 

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