Vat Savitri Vrat 2023: वट सावित्री व्रत कब? इ व्रत पे शनि देव के कृपा पावे के बन रहल बा विशेष संयोग

Minee Upadhyay

 

वट सावित्री अमावस्या 2023 : वट सावित्री व्रत, बियाहल मेहरारू लोग के एगो खास परब, हर साल ज्येष्ठ महीना के अमावस्या के दिन आ पूर्णिमा के दिन मनावल जाला। ज्येष्ठ महीना के अमावस्या के दिन मेहरारू लोग अपना पति के लंबा उमिर तक वट सावित्री के व्रत रखेले। नारद पुराण में एकरा के ब्रह्म सावित्री व्रत भी कहल गइल बा।

एह दिन शादीशुदा मेहरारू अटूट सौभाग्य के कामना से बिना कुछ खइले निर्जल व्रत करेली। एह साल वट सावित्री अमावस्या व्रत शनि देव के खुश करे के खास मौका बन रहल बा, काहे कि शनि जयंती भी एह दिन बा। आईं जानीं वट सावित्री पूर्णिमा के तिथि, शुभ योग, शुभ समय आ पूजा विधि

वट सावित्री अमावस्या 2023 कब बा (वट सावित्री व्रत 2023 तिथि)

ज्येष्ठ अमावस्या तिथि 18 मई 2023 के रात 09.42 बजे से शुरू होई अवुरी 19 मई 2023 के रात 9.22 बजे तक चलत रही। उदयतिथी के मुताबिक 19 मई 2023 के अमावस्या के वट सावित्री व्रत मनावल जाई।

वट सावित्री व्रत 2023 शुभ योग

वट सावित्री व्रत के संगे ज्येष्ठ अमावस्या पे शनि जयंती के परब भी मनावल जाई। खास बात ई बा कि एह दिन शनि देव स्वराशी कुंभ में बइठल रहीहें, जवना के चलते शश योग बन रहल बा। अयीसना में शनि देव के पूजा कईला से शुभ परिणाम मिली।

शोभन योग भी वट सावित्री अमावस्या के दिन होई, एकरा संगे चंद्रमा बृहस्पति के संगे मेष राशि में होईहे, जवना के चलते गजकेसरी योग के योग रहल बा। एह विशेष योग में पूजा आ उपवास से साधक के देवी लक्ष्मी के आशीर्वाद मिल जाई।

वट सावित्री व्रत (वट सावित्री व्रत पूजा विधि) के पालन के सही तरीका

सावित्री व्रत के दिन मेहरारू लोग सूर्योदय से पहिले नहा के पूजा के तैयारी करेले, भोग के तैयारी करेले। महिला लोग सोलह गो अलंकार पहिर के शुभ समय में बरगद के पेड़ के नीचे भगवान शिव-पार्वती आ गणेश के पूजा करेली। एकरा बाद उ ओह पेड़ के पानी से सिंचेली । फेरु बरगद के पेड़ पे सूती के धागा लपेटेले। 11-21 बेर पेड़ के परिक्रमा करत घरी ऊ धागा के लपेटे ली । अंत में ऊ सौभाग्य के चीज दान कर देली।

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